डिस्काउंट शूज पर वैट वसूलना पड़ा महंगा, शू स्टोर को ठोका जुरमाना

Wednesday, Apr 13, 2016 - 09:11 AM (IST)

चंडीगढ़, (बृजेन्द्र): शहर के सबसे बड़े मॉल में एक शू स्टोर द्वारा डिस्काऊंटिड प्रोडक्ट पर वैट वसूलने को लेक र डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम ने इसे सेवा में कोताही बरतने का दोषी पाते हुए स्टोर के मैनेजर को 3 हजार हर्जाना राशि भरने के आदेश दिए हैं। 


3000 अदालती खर्च भरने के आदेश 

स्कैचर्स रिटेल इंडिया लिमिटेड के इस स्टोर को गलत तौर पर वसूली गई 312 रुपए वैट राशि भी लौटाने के आदेश दिए हैं। वहीं अदालती खर्च के रुप में भी 3 हजार रुपए भी भरने को कहा है। 

 

50 डिस्काउंट किया था ऑफर 

मामले में शिकायतकर्ता मोहाली के श्याम सुंदर शर्मा थे। फोरम ने फैसले में कहा कि कोई भी एम.आर.पी. से ज्यादा नहीं वसूल सकता क्योंकि इसमें वैट समेत सभी प्रकार के टैक्स शामिल होते हैं। शिकायतकर्ता के मुताबिक उन्होंने 26 जुलाई, 2015 को 4999 रुपए के स्कैचर्स के शूज खरीदे थे। उनके मुताबिक शूज पर 50 प्रतिशत डिस्काऊंट ऑफर किया था। 

 

12 प्रतिशत वैट वसूला 

शिकायतकर्ता ने जब शूज खरीदे तो वह इसका बिल देख हैरान हो गए जिसमें 312 रुपए (12 प्रतिशत) वैट के रूप में वसूले गए थे।  जब उन्होंने स्टोर संचालक से यह गलत रूप से वसूली रकम वापस मांगी तो उन्हें मना कर दिया गया। वहीं स्टोर ने अपने जवाब में कहा कि कोई भी सेलर/रिटेलर किसी भी सेल प्राइस पर वैट वसूलने के हकदार हैं जब तक वह एम.आर.पी. को नहीं लांघता। 

 

गैर-कानूनी तरीके  से वैट वसूला 

ऐसे में सेवा में कोताही बरतने के आरोपों से इंकार किया गया। वहीं अपने फैसले में फोरम में पाया कि प्रतिवादी पक्ष का जवाब स्वीकार्य नहीं है क्योंकि डिस्काऊंट/ऑफर प्रोमोशनल पॉलिसी का पार्ट होता है जो भोले-भाले ग्राहकों को लुभाने का तरीका होता है। वह ग्राहक इस भ्रम में इनके पास आते हैं कि उन्हें भारी डिस्काऊंट मिल रहा है। वहीं बाद में उनसे गैर-कानूनी तरीके  से वैट वसूला जाता है।

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