सारंगपुर को छोड़कर किसी गांव के आसपास नहीं खेल स्टेडियम

punjabkesari.in Monday, Jun 24, 2019 - 04:48 PM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : प्रशासन व खेल विभाग का रूरल एरिया में स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने का दावा सिर्फ खोखला ही दिखाई दे रहा है। इन एरिया के स्कूलों में न तो खेलने की जगह और न ही आसपास कोई स्पोर्ट्स काम्पलैक्स हैं। स्पोर्ट्स विभाग की शुरू की गई रूरल चैम्पियनशिप सिर्फ गांव सारंगपुर तक सीमित रह गई है। रूरल एरिया में रहने वाले युवाओं तथा नन्हे खिलाडिय़ों को दूसरे सैक्टर्स तथा स्पोर्ट्स काम्पलैक्स में प्रैक्टिस के लिए जाते हैं। 

विभाग ने रूरल एरिया के मुकाबले शहरी स्कूलों में मैदान और स्पोर्ट्स काम्पलैक्स बनवा रखे हैं लेकिन विभाग व प्रशासन गांव व पुनर्वास कालोनियों से भेदभाव कर रहा है। शहर की सांसद किरण खेर के सारंगपुर गांव को गोद लेने के बाद ही प्रशासन व खेल विभाग ने स्पोर्ट्स काम्पलैक्स बनाया था और दो साल बाद के बाद खेल विभाग ने कोच नियुक्त किए। 

11 गांवों व 5 पुनर्वास कालोनियों को खेल विभाग कर रहा नजरअंदाज :
वहीं, दूसरी तरफ प्रशासन व खेल विभाग की ओर से 11 गांवों व तकरीबन 5 पुनर्वास कालोनियों को विभाग लगातार नजरदांज कर रहा है। इसके विपरीत खेल विभाग हर साल रूरल स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप करवाता है, लेकिन इन टूर्नामैंट में सिर्फ सांरगपुर तथा खुड अलीशेर के खिलाड़ी ही भाग लेते हैं।  

शहर के गांवों व पुनर्वास कालोनियों में स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खेल विभाग ने 2018 में कई गांवों का सर्वे भी किया था। उस समय स्पोर्ट्स डायरैक्टर कैप्टन करनैल सिंह थे। इस बीच कई गांवों के सरपंचों के साथ उनकी मीटिंग भी हुई थी, लेकिन उनके यहां से जाने के बाद यह प्रोजैक्ट समाप्त ही हो गए थे। हैं। अब तो खेल विभाग व प्रशासन सिर्फ रूरल स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप का आयोजन कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। 

इन गांवों में दूर तक नहीं कोई स्पोर्ट्स काम्पलैक्स और मैदान :
-बहलाना 
-रायपुर खुर्द
-हल्लोमाजरा 
-दरिया 
-मौली जागरां पुनर्वास कालोनी
-विकास नगर पार्ट-1 एंड 2 
-रामदरबार 
-सैक्टर-29 पुनर्वास कालोनी।
 


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Priyanka rana

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