मैंबरशिप के 1 लाख 10 हजार रुपए देने पर भी नहीं की रिजर्वेशन, 23 हजार हर्जाना ठोका

punjabkesari.in Friday, May 10, 2019 - 07:51 PM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंद्र): मैंबरशिप के लिए 1 लाख 10 हजार रुपए चुकाने के बाद भी शादी की सालगिरह पर रिजर्वेशन नहीं की। फोरम ने इसे सेवा में कोताही का दोषी करार देते हुए कंपनी को राशि लौटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मानसिक पीड़ा और उत्पीडऩ के लिए 15 हजार रुपये मुआवजा और 8 हजार रुपए मुकदमा खर्च भी देने के निर्देश दिए हैं। 

 

आदेश की प्रति मिलने पर 30 दिनों के अंदर कंपनी को इन आदेशों की पालना करनी होगी, नहीं तो कंपनी को 10 हजार रुपए अतिरिक्त मुआवजा राशि भी देनी होगी। ये आदेश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम-2 ने जारी किए।
 
 

कंपनी ने लुभावने वायदों में फंसाया
सैक्टर-37 बी चंडीगढ़ निवासी परमजीत कौर ने फोरम में क्लब रिजॉर्टो हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड, डी.एल.एफ. फेज-1 गुरुग्राम के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि कंपनी के लुभावने वायदों में आकर उन्होंने मैंबरशिप लेने का फैसला लिया। 

 

कंपनी द्वारा दावा किया गया कि हॉलिडी के लिए उनके द्वारा रहने  की व्यवस्था की जा रही थी। मैंबरशिप के लिए उन्होंने 1 लाख 10 हजार फीस जमा करवाई। इसके बाद ही कंपनी द्वारा उन्हें सर्टीफिकेट जारी किया गया। 

 

इस दौरान ही उन्हें मैंबरशिप दी गई और टर्म एंड कंडीशन्स के साथ अप्रूवल फार्म भी जारी किया। इसके अलावा शिकायतकर्ता और उनके पति के नाम पर गिफ्ट वाऊचर्स भी जारी किए गए। शिकायतकर्ता ने अपनी सालगिरह पर कंपनी से रामेश्वर फोर्ट के लिए 27 और 28 अक्तूबर 2018 के लिए रिजर्वेशन करने की मांग की। 

 

इसके बाद 23, 24 और 25 नवम्बर के लिए जयपुर और 26 और 27 नवम्बर के लिए उदयपुर के लिए रिजर्वेशन करने की मांग की। इसे कंपनी ने कभी भी कंफर्म नहीं किया और न ही इस संबंध में उनका कोई रिस्पांस आया। 

 

कंपनी ने फोरम में नहीं रखा अपना पक्ष 
उन्होंने ईमेल के जरिए कंपनी से मैंबरशिप कैंसिल करने और  राशि रिफंड करने की मांग की, लेकिन कंपनी का कोई जवाब नहीं किया। जिसके बाद उन्हें लीगल नोटिस भी जारी किया और इस संबंध में फोरम में शिकायत दी। 

 

कंपनी ने फोरम में अपना पक्ष नहीं रखा, जिसके चलते उसे एक्सपार्टी (एकतरफा) करार दिया गया। फोरम ने अपने आदेशों में कहा कि भोले भाले लोग ऐसी कंपनियों  की बातों में आकर इनके जाल में फंस जाते हैं, जबकि लोगों को किए वायदे पूरा करना इनकी मंशा नहीं होती है। 


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pooja verma

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