चंडीगढ़ में क्वालिटी लिकर की गारंटी नहीं, पिछले पांच सालों में नहीं लिया गया कोई सैंपल

punjabkesari.in Wednesday, Sep 28, 2016 - 10:50 AM (IST)

चंडीगढ़ (विजय) : चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना देख रहे प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मार्कीट में मिलावटी या एक्सपायर्ड चीजें धड़ल्ले से बिक रही हैं। अब मामला जुड़ा है यू.टी. के एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमैंट से। डिपार्टमैंट की जिम्मेदारी है कि शहर में जहां भी लिकर सर्व होती है, वहां निरंतर अंतराल में इसकी जांच की जानी चाहिए। इसके लिए बकायदा सैंपल भी एकत्रित किए जाते हैं लेकिन पिछले पांच साल से डिपार्टमैंट ने पूरे शहर में कहीं से भी एक भी सैंपल नहीं भरा। यह खुलासा डिपार्टमैंट ने राइट टू इंफॉर्मेशन से मिली जानकारी में किया है। आर.टी.आई. के तहत डिपार्टमैंट से पूछा गया था कि पिछले पांच साल के दौरान शहर में कहां-कहां सैंपल भरे गए और उनका टैस्ट के बाद क्या रिजल्ट आया। इस पर डिपार्टमैंट द्वारा जानकारी दी गई कि इन पांच साल में एक भी सैंपल कहीं से नहीं भरा गया। इससे साबित हो जाता है कि लोगों को क्वालिटी प्रोडक्ट देने के लिए कितनी गंभीरता से काम किया जा रहा है। 

एक्ट देता है पावर
पंजाब एक्साइज एक्ट 1914 यह शक्तियां प्रदान करता है कि एक्साइज डिपार्टमैंट का अधिकारी मार्कीट में जाएंगे और उनके प्रोडक्ट की जांच करेंगे। किसी भी प्रकार का संदेह होने पर सैंपलिंग की जाएगी और जांच के लिए सैंपल भेजे जाएंगे। चाहे वह व्हिस्की हो या फिर बीयर, एक्सपायर प्रोडक्ट को अपनी कस्टडी में लेकर डिस्ट्रॉय करने काम भी एक्साइज डिपार्टमैंट का होता है। जिन कंपनियों के प्रोडक्ट एक्सपायर हो जाते हैं, उन्हें हलफनामा देना होता है, इसमें यह जानकारी देनी होती है कि उनका कौन सा प्रोडक्ट एक्सपायर हो चुका है और उन्हें नष्ट किया जा रहा है। 

कर रहे हैं जांच : कौशिक
यू.टी. के असिस्टैंट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर रविंद्र कौशिक ने बताया कि डिपार्टमैंट द्वारा पूरे शहर में लिकर की जांच के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। बोटलिंग प्लांट से भी सैंपल लिए जा रहे हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। भविष्य में भी सैंपल एकत्रित करने का काम जारी रखा जाएगा। 


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