वायदे से मुकर रही सरकार : न मिली बिजली, न माफ़ हुआ किसानों का कर्ज

punjabkesari.in Tuesday, Jun 13, 2017 - 10:49 AM (IST)

मोहाली (नियामियां/कुलदीप) : शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को 5 मुद्दों को लेकर जिला स्तरीय धरना डी.सी. कार्यालय के बाहर दिया। इसमें सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, विधायक एन.के. शर्मा, नगर निगम तथा नगर परिषदों के पार्षद, अकाली पंच-सरपंच, पदाधिकारी तथा अन्य कार्यकत्र्ता शामिल थे पर इनकी संख्या 700 से ज्यादा नहीं थी। 5 मुद्दों में कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह द्वारा किए गए रेत स्कैंडल की सी.बी.आई., ई.डी. जांच करवाना, किसानों तथा मजदूरों की कर्जा माफी, धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी, दलितों पर अत्याचार तथा राजनीति धक्केशाही और राज्य में कानून व्यवस्था आदि शामिल हैं। 

 

धरने को संबोधित करते हुए सांसद चंदूमाजरा, हलका इंचार्ज तेजिंद्र पाल सिंह सिद्धू, रणजीत सिंह गिल, जसजीत सिंह बन्नी ने कहा कि पिछले 3 माह में रेत की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट राणा गुरजीत सिंह ने कथित तौर पर अपने एक नौकर के नाम पर 26 करोड़ रुपए की रेत खड्ड हासिल की तथा अन्य कर्मचारियों के नाम पर भी कथित तौर पर 50 करोड़ रुपए के रेत की खड्डों के नाम पर निवेश किए। उन्होंने मांग की कि राणा गुरजीत सिंह को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए। 

 

वायदे से मुकर रही सरकार: चंदूमाजरा ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने किसानों तथा मजदूरों का ऋण माफ करने संबंधी लिखित में चुनाव घोषणा पत्र में वायदा किया था पर अब सरकार अपने इस वायदे से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के पिछले 3 महीने के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार काफी बढ़ा है और 70 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह बात कहकर गुमराह कर रही है कि किसानों को कर्जे से मुक्त करने के लिए कुर्की संबंधी कानून में संशोधन किया परंतु कानूनी माहिरों का कहना है कि इस संशोधन से किसानों की कर्जा न लौटाने पर उनकी जायदाद कुर्क करने व गिरफ्तारी आदि की धाराओं को रद्द नहीं किया गया। 

 

धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी का मन पर बोझ : पूर्व मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. रहे अकाली दल के प्रवक्ता चरनजीत सिंह बराड़ ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी कांग्रेस सरकार के समय में भी नहीं बंद हुई। नई सरकार के  कार्यकाल में भी बेअदबी की घटनाओं में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि बेअदबी की घटनाओं को रोका जाए और आरोपियों का पर्दाफाश किया जाए। विधायक एन.के. शर्मा ने कहा कि साजिश के तहत दलितों को कांग्रेस कार्यकत्र्ता तथा नेता निशाना बना रहे हैं। 

 

उन्होंने कहा कि अकाली दल की सरकार में दलितों के लिए अनेक सुविधाएं उपलब्ध थीं। ऐसे में उन्होंने कांग्रेस की बजाय अकाली दल को वोट दी तथा इसी का बदला कांग्रेसी दलितों से ले रहे हैं। अकालियों तथा भाजपा के कार्यकत्र्ताओं व नेताओं पर झूठे केस दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अकाली भाजपा कांग्रेसियों को सड़क से लेकर सांसद तक घेरेगी और सरकार का जलूस निकालेगी। भाजपा के वरिष्ठ नेता कमल शर्मा तथा विनीत जोशी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की हालत बदत्तर हो चुकी है। 

 

डी.सी. को दिया ज्ञापन : धरने के बाद सभी कार्यकत्र्ता तथा नेता डी.सी. कार्यालय गए तथा डी.सी. गुरप्रीत कौर सपरा को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। पुलिस ने इस दौरान कड़े सुरक्षा प्रबंध किए थे। एस.पी. सिटी परमिंद्र सिंह भंडाल, डी.एस.पी. रमनदीप सिंह, डी.एस.पी. आलम विजय सिंह प्रबंधों की निगरानी कर रहे थे। थाना सोहाना के एस.एच.ओ. राजन परमिंद्र सिंह, थाना मटौर के एस.एच.ओ. त्रलोचन सिंह, थाना फेज-1 के एस.एच.ओ. सुखविंद्र सिंह तथा बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। एस.पी. भंडाल खुद चंदूमाजरा, एन.के. शर्मा, चरनजीत सिंह बराड़ व अन्य चुङ्क्षनदा नेताओं को लेकर डी.सी. के पास ज्ञापन दिलाने गए। 

 

खास प्रभाव नहीं छोड़ सका धरना: अकाली भाजपा के कार्यकत्र्ताओं द्वारा दिया धरना कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सका। हालांकि लोग कह रहे थे कि धरनाकारियों से अधिक तो पुलिस की संख्या है। 

 

जोश में आकर यह क्या कह गए शर्मा : विधायक एन.के. शर्मा भाषण देते समय इतने जोश में आए कि उन्होंने अकाली दल को 18वीं सदी में पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि अकाली दल ऐसी पार्टी है जो अहमदशाह अबदाली से भी नहीं डरी। शर्मा शायद भूल गए कि शिरोमणि अकाली दल 1920 में अस्तित्व में आया। 


 


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