दो साल पहले की गई थी घोषणा अभी तक नहीं लगे महिला कोच में सी.सी.टी.वी. कैमरे

punjabkesari.in Saturday, Apr 16, 2016 - 09:17 AM (IST)

चंडीगढ़,  (लल्लन यादव): ट्रेनों में महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे ने करीब 2 साल पहले महिला कोच में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने की घोषणा की थी। वहीं आलम यह है कि अभी तक इस योजना पर कार्य नहीं हो सका है। इसके अलावा महिला कोच में जी.आर.पी. जवान तैनात करने की बात कही गई थी लेकिन इस पर भी काम नहीं हुआ है। 

 

चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से चलने वाली सिर्फ 4 ट्रेनों में ही जी.आर.पी. व आर.पी.एफ. जवान होते हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कितनी सचेत है। हालांकि रेलवे की तरफ से महिला कोच में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने के लिए ट्रायल भी लिया जा चुका है लेकिन अभी तक चंडीगढ़ व अंबाला से चलने वाली किसी भी ट्रेन में कैमरा नहीं लगाया गया है। 

 

4 ट्रेनों में जवान

चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से रोजाना करीब 30 गाडिय़ों का आना-जाना होता है लेकिन जी.आर.पी. व आर.पी.एफ. की तरफ से सिर्फ 4 ट्रेनों के साथ ही पुलिस जवान लगाए जाते हैं जबकि 26 ट्रेनों में कोई भी जवान तैनात नहीं है। जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन से चलने वाली शताब्दी व कालका शताब्दी तथा बाड़मेर एक्सप्रैस में ही जवान तैनात किए जाते हैं। 

 

नहीं होती पुलिस 

ट्रेनों में विकलांग व महिला कोच में यात्रियों की सुरक्षा के लिए जी.आर.पी. जवानों की तैनाती की बात कही गई थी लेकिन इसके बाद चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से चलने वाली किसी भी ट्रेन के महिला कोच में कोई भी जवान तैनात नहीं है। 

 

जवान हैं कम

जी.आर.पी. के पास पहले ही जवानों की कमी है। ऐसे में पुलिस कर्मियों का भी यही कहना है। इस दुविधा में रेलवे स्टेशन पर रोजाना कोई न कोई यात्री के सामान लूटने व चोरी की की फिराक में घूमता रहता है। वही स्टेशन पर ऑटो व टैक्सी चालकों का भी आतंक है। 

 

एम्बुलैंस का अभाव 

रेलवे स्टेशन पर तैनात जी.आर.पी. थाने के पास कोई भी एम्बुलैंस की नही हैं। ऐसे में ट्रैक पर कोई हादसा हो जाता है तो जी.आर.पी. को शव अस्पताल तक पहुंचाने में करीब घंटों लग जाते हैं। ऐसे में पुलिस को ऑटो के लिए इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में जी.आर.पी. को संस्थाओं से एम्बुलंैस लेने के लिए विवश होना पड़ता है।


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