नई डी-स्पैक्ट मशीन दिनभर में 20 मरीजों का करेगी इलाज
Wednesday, Oct 24, 2018 - 11:45 AM (IST)
चंडीगढ़(पाल): पी.जी.आई. एडवांस कॉर्डियक सैंटर में आने वाले कॉर्डियक डिजीज खास तौर से कोरोनरी ऑर्टरी डिजीज के पेशैंट्स को अब इलाज के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कॉर्डियक सैंटर में करीब 3 करोड़ की लगात से नई डी-स्पैक्ट मशीन लगाई गई है। पी.जी.आई. देश का पहला ऐसा संस्थान है, जहां इस तरह की एडवांस मशीन है। न्यूकलीयिर मैडीसन डिपार्टमैंट के हैड डा. मित्तल के मुताबिक हॉस्पिटल में पहले भी मशीन मौजूद थी, लेकिन उसकी कपैसिटी और टैक्निक कम थी।
पहली मशीन जहां रोजाना 12 मरीजों को ट्रीट कर रही थी, वहीं यह मशीन एक दिन में 20 के करीब मरीजों को ट्रीट कर सकेगी। यही नहीं मरीजों को अपनी बारी के लिए घंटों-घंटों इंतजार करना पड़ता है। नई मशीन बेहद एडवांस है केस तो ज्यादा ट्रीट करेगी ही इसके साथ ही इसका प्रोसेस दूसरी मशीन से तेजी है। इसकी इमेज क्वालिटी बहुत एडवांस है जिससे मरीजों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
4 महीनों तक की रहती थी वेटिंग
कोरोनरी ऑर्टरी खोलने के प्रोसैस के लिए पी.जी.आई. में 4 महीनों तक की वेटिंग रहती थी। डा. मित्तल के मुताबिक नई मशीन लगने से वेटिंग में कमी आएगी। कोरोनरी धमनी रोग (सी.ए.डी.) या कोरोनरी हृदय रोग (सी.एच.डी.) एक गंभीर बीमारी है। इसमें हार्ट को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों युक्त रक्त पहुंचाने वाली धमनियां क्षतिग्रस्त या रोगग्रस्त हो जाती हैं। धमनियों पर कोलेस्ट्रॉल युक्त जमा यह प्लाक कोरोनरी धमनी को डैमेज कर देता है। कोरोनरी धमनियां सिकुड़ जाती हैं। कम रक्त प्रवाह होने के कारण सीने में दर्द (एनजाइना) हो सकता है। अन्य कोरोनरी धमनी की बीमारी के संकेत और लक्षण पैदा हो सकते हैं। प्लाक के कारण कोरोनरी धमनियों में एक पूर्ण रुकावट दिल के दौरे का कारण बन सकती है। कोरोनरी हृदय रोग को विकसित होने में अक्सर दशकों लग जाते हैं।