नेहा मर्डर केस: 7 साल बाद मिला यह अहम सबूत, भेजे एन.सी.आर.बी. में

punjabkesari.in Thursday, May 25, 2017 - 02:11 AM (IST)

चंडीगढ़ (सुशील) : सैक्टर-38 वैस्ट निवासी नेहा अहलावत की हत्या के सात साल बाद मिला अहम सबूत, चंडीगढ़ पुलिस ने घटनास्थल से मिले फिगर प्रिंट राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एन.सी.आर.बी) को भेजे हैं। पुलिस को नेहा अहलावत के शव के पास से मिले मोबाइल से हत्यारों के फिंगर प्रिंट बरामद हुए थे। एन.सी.आर.बी के जो अपराधियों के फिंगर प्रिंट हैं वह नेहा के मोबाइल पर मिले फिंगर प्रिंट से मिलाए जाएंगे। अगर मैच कर गए तो नेहा अहलावत की हत्या का केस सुलझ सकता है।

नेहा मर्डर केस सुलझाने की चंडीगढ़ पुलिस के पास अब यह आखिरी उम्मीद है। अगर पुलिस को एन.सी.आर.बी. के पास से कुछ हासिल नहीं हुआ तो क्राइम ब्रांच केस को बंद कर क्लोजर रिपोर्ट अदालत में पेश कर देगी। जबकि एक्टिवा पर मिले खून के नमूनों को सी.एफ.एस.एल. इकट्ठे नहीं कर पाई थी। क्योंकि हत्या के बाद बारिश आ गई थी जिसके कारण सबूत नष्ट हो गए थे।

शरीर पर कई जगह थे चोट के निशान

नेहा मर्डर केस सुलझाने के लिए थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच ने कई थ्योरी पर काम किया लेकिन पुलिस की हर थ्योरी फेल हो गई। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास मोबाइल डंप उठाया। इसके बाद पुलिस ने 150 से ज्यादा नशेडिय़ों और पुराने अपराधियों को राऊंडअप किया, वहीं पुलिस ने नेहा के पांच दोस्तों का नार्को और ब्रेन मैपिंग टैस्ट करवाया लेकिन गांधी नगर लैब ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। पुलिस को पीड़िता के कपड़े से वीर्य भी बरामद हुआ था। पुलिस ने मौके से मिले डी.एन.ए. और दो संदिग्धों के नमूने सी.एफ.एस.एल. को भेजे थे लेकिन मैच नहीं हुए।

डी.ए.वी. कालेज की छात्रा सैक्टर-38 निवासी नेहा 30 जुलाई 2010 को कोचिंग के बाद जब देर शाम तक घर नहीं पहुंची तो परिजन उसे ढूंढने निकले। परिजनों ने नेहा को लहूलुहान हालत में घर से थोड़ी दूर करण टैक्सी स्टैंड के पास पड़ा पाया। वह उसे पी.जी.आई. ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। सैक्टर-39 थाना पुलिस ने हत्या का केस दर्ज जांच शुरू की थी। बाद में जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी थी।


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