नीट रिजल्ट : टॉप 100 में ट्राईसिटी के 7 स्टूडैंट

Tuesday, Jun 05, 2018 - 09:24 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : सी.बी.एस.ई. ने सोमवार को नैशनल एलीजिबिल्टी कम एंट्रैंस टैस्ट (नीट) का रिजल्ट घोषित कर दिया। चंडीगढ़ में परीक्षा के लिए 36 सैंटर बनाए गए थे। इस बार परीक्षा में चंडीगढ़ से 1344 छात्रों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से 1309 अपीयर हुए थे। इनसे 940 छात्र पास हुए। 

परीक्षा में ट्राईसिटी के 7 होनहारों ने टॉप 100 ऑल इंडिया रैंक में जगह बनाई है। इसमें पहले स्थान पर श्री गुरु गोंबिंद सिंह सीनियर सैकेंडरी स्कूल सैक्टर-35 की स्टूडैंट महक रही, जिसका ऑल इंडिया रैंक 31 रहा। 

दूसरे स्थान पर चंडीगढ़ की मेघा शर्मा रही जिनका ऑल इंडिया रैंक 44 रहा। तीसरे स्थान पर 47वें रैंक के साथ शिशु निकेतन स्कूल सैक्टर-22 की स्टूडैंट पारुल रही। चौथे स्थान पर मनीमाजरा स्थित डी.सी मोंटेसरी सीनियर सैकेंडरी स्मार्टस्कूल के छात्र सागर मिश्रा रहे, जिनका ऑल इंडिया रैंक 49 रहा। 

पांचवें स्थान पर सैक्टर-26 श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलिजिएट पब्लिक स्कूल के छात्र वैभव गर्ग रहे, जिनका ऑल इंडिया रैंक 69वां रहा। छठे स्थान पर प्रभजोत सिंह रहे, जिनका ऑल इंडिया रैंक 83वां रहा। प्रभजोत ऐलन इंस्टीच्यूट के छात्र हैं। वहीं ट्राइसिटी में 7वें स्थान पर पंचकूला के भवन विद्यालय की ईशवाक रही जिनका ऑल इंडिया रैंक 90 रहा। 

न्यूरोलॉजिस्ट बनना है सपना : महक 
टॉपर महक अरोड़ा ने बताया कि उसने कल्पना भी नहीं की थी ऑल इंडिया रैंक 100 में आने की कल्पना भी नहीं की थी। महक ने गुरु गोबिंद सिंह स्कूल-35 से 12वीं की है। महक एम्स में एडमिशन लेना चाहती है और न्यूरोलॉजिस्ट बनना उसका सपना है। 

महक की मां रेणु अरोड़ा सी.ए. हैं और पिता सरकारी नौकरी करते हैं। महक ने बताया कि उसने हमेशा टाईमटेबल के हिसाब से विषयों का रिजिवन किया। महक को स्पोर्टस में भी रूचि है और वह चैस, कैरम, बास्केटबॉल में स्टेट लैवल पर गोल्ड जीत चुकी है। महक ने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों और माता-पिता को दिया।  

डॉक्टर बनना चाहती है पारुल :
छात्रा पारुल ने कहा कि टॉप 100 में आने का उसने सोचा ही नहीं था। पारुल डॉक्टर बनना चाहती है। पारुल के मुताबिक वह हमेशा पढ़ाई को एंज्वॉय करती है और एग्जाम के समय में भी तनाव को खुद पर हावी नहीं होने देती। पारुल ने शिशु निकेतन चंडीगढ़ से 12वीं 93.6 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है। 

पारुल एम्स में एडमिशन लेना चाहती है। पारुल को डांसिंग और सिंगिंग का शौक है। पारुल की माता सीमा और पिता प्रवीण दोनों डॉक्टर हैं। छात्रा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों को दिया है। 

योग के जरिए पढ़ाई में ध्यान किया केंद्रित : सागर
सागर मिश्रा ने बताया कि उन्होंने योग के जरिए ध्यान केंद्रीत कर इस परीक्षा में सफलता हासिल की। सागर के पिता अकाऊंटैंट हैं। सागर ने डी.सी. मोंटेसरी स्कूल से 96.4 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की थी। सागर ने बताया कि उसने हमेशा टाइम टेबल के की और हर विषय को बराबर समय दिया। इसके साथ ही रोजाना योग के लिए दो घंटे का समय दिया, जिससे पढ़ाई के दौरान कोई समस्या नहीं हुई। सागर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों को दिया। 

प्रभजोत सिंह रहे ट्राईसिटी में पांचवें स्थान पर :
चंडीगढ़ के ऐलन इंस्टीट्यूट के छात्र प्रभजोत सिंह ने बताया कि इस बार उनका यह दूसरा प्रयास था। पहली बार उसके 491 अंक आए थे, लेकिन उसने फिर से पढ़ाई की और अच्छी तैयारी की, जिससे अच्छा रैंक आया। 

प्रभजोत ने कहा कि उसने पिछले साल अगस्त में तैयारी शुरू कर दी थी और लगातार पढ़ाई की। प्रभजोत के मुताबिक उनके टीचर्स ने स्टडी में काफी मदद की। प्रभजोत ने बताया कि अब वह एम.बी.बी.एस. में दाखिला लेना चाहता है और जी.एम.सी.एच.-32 या दिल्ली के सफदरजंग मैडीतस कालेज में दाखिला लेना चाहता है। 

वैभव बनना चाहते हैं सर्जन :
श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलिजिएट पब्लिक स्कूल-26 के छात्र वैभव के पिता संजीव गर्ग  पंचकूला में हरियाणा पावर जैनरेशन  कॉर्पोंरेशन लिमिटिड में बतौर इंजीनियर कार्यरत हैं। 

उन्होंने बताया कि उनके परिवार में सभी इंजीनियरिंग लाइन में हैं कार्यरत हैं, लेकिन वैभव ने नौंवी कक्षा में ही फैसला कर लिया था कि वो मैडीकल लाइन में ही जाएगा। वैभव दिन में 17 घंटे पढ़ाई करता था। उसका लक्ष्य सर्जन बनना है। वैभव की मां सुरजपुर स्थित डी.ए.वी. स्कूल में शिक्षिका हैं। 

Punjab Kesari

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