अदालत को बेवकूफ बनाने पर पर नयागांव नगर काऊंसिल को फटकार
punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 01:09 AM (IST)

चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को नयागांव नगर काऊंसिल को पूर्व निर्देशों के बावजूद 33 खुले और क्षतिग्रस्त मैनहोल की मरम्मत या ढकने में विफल रहने के लिए फटकार लगाई। साथ ही चेतावनी दी कि इस चूक के कारण अवमानना की कार्यवाही हो सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि अदालत को बेवकूफ बनाया जा रहा है। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ शेर सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका (पी.आई.एल) पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शहर में खतरनाक मैनहोल को ढकने के लिए तत्काल निर्देश देने की मांग की गई थी।
चीफ जस्टिस शील नागू ने टिप्पणी की कि हाईकोर्ट की एक खंडपीठ अब मैनहोल पर विचार कर रही है। याची के वकील ने सोमवार सुबह ली गई तस्वीरें पेश कीं, जिनमें उनके अनुसार, नयागांव में कई मैनहोल अभी भी खुले या क्षतिग्रस्त दिखाई दे रहे थे। अदालत ने तस्वीरें देखने के बाद कहा कि ये पुरानी तस्वीरें नहीं हैं। ये आज सुबह खींची गई थीं।
पीठ ने निष्क्रियता पर नाराजगी जताई
पीठ ने नयागांव नगर परिषद की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस नागू ने कहा कि इस अदालत द्वारा पहले दिए गए क्षतिग्रस्त मैनहोलों को ढकने और उनकी मरम्मत करने के आदेशों का अभी तक पालन नहीं किया गया है। इतने दिन बीत जाने के बावजूद, स्थिति जस की तस बनी हुई है। नयागांव नगर परिषद के वकील ने दलील दी कि पिछले आदेश के बाद सभी 33 मैनहोल की मरम्मत कर उन्हें ढक दिया गया था। हालांकि, हाल ही में हुई बारिश से नुकसान हुआ है। उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगते हुए कहा कि ये तस्वीरें लेने के बाद, सभी मैनहोल की मरम्मत कर उन्हें ढक दिया गया। बस चिंता की बात यह है कि पिछले 10 दिनों में खराब मौसम और जलभराव के कारण कुछ ढक्कन उखड़ गए।
हम कब तक करेंगे इंतजार
पीठ इस पर सहमत नहीं थी। चीफ जस्टिस नागू ने कहा कि हम कब तक इंतजार करेंगे? ये मरम्मत बहुत पहले ही हो जानी चाहिए थी। आज हमें दिखाई गई तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि कई मैनहोल खुले हैं या क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं। यह नियमों का पालन न करने का प्रमाण है। चीफ जस्टिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए टिप्पणी की कि इस अदालत को नगर काउंसिल का काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो नयागांव नगर परिषद को करना चाहिए। ऐसा लगता है कि नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी हाईकोर्ट को धोखा दे रहे हैं। अदालत ने बारिश के बहाने पर भी सवाल उठाया और कहा कि मैनहोल के ढक्कन मजबूत सामग्री से बने होते हैं। वे इतनी आसानी से नहीं टूट सकते। अगर आप कहते हैं कि यह पिछले हफ्ते हुआ है, तो याचिकाकर्ता का हलफनामा कुछ और ही कहता है। इनमें से कुछ जून और जुलाई से ही इसी हालत में हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जवाबदेही सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए नयागांव नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को अगली सुनवाई में वर्चुअली उपस्थित होने का आदेश दिया। पीठ ने चेतावनी दी कि सभी मैनहोल और उनके ढक्कनों से संबंधित वर्तमान स्थिति हमारे समक्ष प्रस्तुत की जाए। ऐसा न करने पर यह न्यायालय अवमानना का मुकदमा चला सकता है।