लाखों की लागत से बनी ट्रेल कुछ माह में ही तोडऩे लगी है दम

punjabkesari.in Saturday, Sep 30, 2017 - 10:33 AM (IST)

नयागांव(मुनीष) : कहने को तो पंजाब सरकार ने सिसवां फॉरैस्ट एरिया में नेचर ट्रेल बनाई है लेकिन इस पर ट्रैफिक के साइन बोर्ड लगाए गए हैं। जी हां, करीब 6 किलोमीटर की इस नेचर ट्रेल पर जगह-जगह सड़कों पर लगाए जाने वाले ट्रैफिक साइन बोर्ड का इस्तेमाल किया गया है। इस नेचर ट्रेल का निर्माण 2015 में प्रस्तावित किया गया था। बाकायदा ग्माडा ने जंगल में नेचर ट्रेल निर्माण के लिए वन मंत्रालय को प्रस्ताव तैयार कर भेजा था। 

 

वन मंत्रालय ने शुरूआत में इस योजना पर कुछ आपत्ति जताई थी लेकिन बाद में इसे मंजूरी प्रदान कर दी गई थी। इसी कड़ी में अब इस नेचर ट्रेल को अमलीजामा पहनाया गया है। इस ट्रेल को लोक निर्माण विभाग की ओर से करीब 70 लाख की लागत से बनाया गया है लेकिन जो कुछ माह में ही दम तोडऩे लगी ।


सड़कों की तरह बना दिए स्पीड ब्रेकर :
नेचर ट्रेल पर हाईवे सड़कों की तहर कुछ कुछ दूरी पर ही मिट्टी के स्पीड बेक्र बना दिए गए हैं जो ट्रेल को समाप्त कर रहे हंै। इसी दौरान ट्रेल पर जगह-जगह गड्ढे भी बन गए हैं। कई जगहों पर ट्रेल किनारे से धंस रही है। इसी के साथ टे्रल में बजरी बिखरी है। पहाड़ों की मिट्टी भी कई जगहों पर ट्रेल पर गिरी हैं लेकिन इस ओर कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले कुछ समय यह लाखों की लागत से बनाई नेचर ट्रेल लुप्त हो जाएगाी।

 

नेचर ट्रेल पर क्या-क्या बना है इसका ब्यौरा :
नेचर ट्रेल सिसवां के जंगलों से लेकर मिर्जापुर तक बनी है। वहीं वन विभाग की ओर से इस ट्रेल में बैठने के लिए कई हट बनाए हैं। वहीं हटो का नाम भी पौधो के नामों से रखा गया है। वहीं एक बाच टावर भी बना हुआ जिस के ऊपर जाकर पर्यावरण का नजारा लिया जा सकता है। 

 

ऐसे कैसे मिलेगी सैलानियों को मिर्जापुर डैम का आनंद : 
सिसवां डैम पास बनाए जा रहे ईको टूरिज्म प्रोजैक्ट के चलते पर्यटक सिसवां डैम के साथ मिर्जापुर में बने डैम का भी आनंद ले सकेंगे। वहीं पहाडिय़ों का भी भरपूर आनंद लेंगे। वहीं सैलानियों को वहां बैठने का पूरा प्रबंध किया है। लेकिन ट्रेल खस्ता हालत के चलते कुछ दूर के बाद कोई भी व्यक्ति आगे ट्रेल तक नहीं जाता है । 

 

ट्रेल पर आने वाले सैलानियों को डरा देते हैं कर्मचारी : 
जब भी कोई सिसवां डैम पर सैलानी आता है तो मौके पर मौजूद डैम के पास बैठे लोग डरा देते हैं कि ट्रेल की ओर मत जाना है। वहां रास्ते में पहाड़ी गिरी है और जाने में कई घंटे लग जाते हैं। जब व्यक्ति आता है तो डैम के रास्ते को ताला लग जाता है ऐसे में कोई आगे नहीं जा पाता। 


 


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