बापूधाम के नरेंद्र ने नहीं की थी एनिवर्सरी पार्टी, परिवार के 18 लोगों, 3 पड़ोसियों ने खाए थे राजमाह-चावल

punjabkesari.in Monday, May 18, 2020 - 09:31 AM (IST)

चंडीगढ़ ( अर्चना सेठी ) : बापृधाम कॉलोनी में कोरोना वायरस संक्रमण के लिए सुपर स्प्रैडर माने गए जी.एम.सी.एच.-32 के हैल्थ वर्कर नरेंद्र कुमार ने शादी की सालगिरह पर पार्टी नहीं की थी । चंडीगढ़ पुलिस की प्रारंभिक जांच कहती है कि 17 अप्रैल को उसके घर में 8 परिवार के लोगों के अलावा सिर्फ तीन पड़ोसी राजमाह चाबल खाने आए थे।

 

जी.एम.सी.एच.-32 ने नरेंद्र के संपर्क में आए 123 लोगों की बात की थी। 23 लोग उसकी पार्ट में नहीं आए थे। उधर, जी.एम.सी.एच.-32 ने नरेंद्र के ड्यूटी ज्वाइन करने पर रोक लगा दी है। नरेंद्र, पी.जी.आई. कोविड अस्पताल में उपचाराधीन हैं। अस्पताल की इस्टैबलिशमैंट ब्रांच ने नर्सिंग सुपरिटैंडैंट को निर्देश दिए हैं कि सैनीटरी वर्कर नरेंद्र कुमार को अगले आदेश जारी होने तक किसी भी सूरत में ड्यूटी पर न लिया जाए।

 

 123 लोगों के शामिल होने का आरोप
पुलिस नरेंद्र पर लॉकडाउन व कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर चुकी है। नरेंद्र पर 17 अप्रैल को शादी की सालगिरह की पार्टी देने का आरोप है। पार्टी में 123 लोगों के शामिल होने की बात कही गई थी। चंडीगढ़ में 190 से अधिक कोरोना केस सामने आ चुके हैं, 122 लोग सिर्फ बापूधाम कालोनी से हैं। 

 

बापूधाम कंटेनमैंट जोन है, इसलिए जांच अभी अधूरी है
चंडीगढ़ पुलिस के प्रवता डी.एस.पी. चरणजीत सिंह विर्क का कहना है कि पुलिस जांच अभी पूरी नहीं हुई है। प्राथमिक जांच में यह जरूर सामने आ चुका है कि 17 अप्रैल को नरेंद्र कुमार के घर में उसकी शादी की सालगिरह के दिन उसके परिवार के सदस्यों के अलावा सिर्फ तीन पड़ोसी थे। नरेंद्र के परिवार में 18 लोग हैं, जो तीन फ्लोर  पर रहते हैं। 

 

100 से ज्यादा लोग उसके घर में पार्टी के लिए आ ही नहीं सकते योंकि उसके घर की छत की इतनी क्षमता भी नहीं है। विर्क का कहना है कि जी.एम.सी.एच.-32 कम्युनिटी मैडीसिन डिपार्टमैंट के एच.ओ.डी. प्रो.नवीन कृष्ण गोयल ने नरेंद्र के संपर्क में आने वाले 123 लोगों की बात की थी। प्रो.गोयल ने यह नहीं कहा था कि नरेंद्र कुमार ने 100 से अधिक लोगों को पार्टी दी है। आगे की जांच अभी करनी है। नरेंद्र अस्पताल में उपचाराधीन है। बापूधाम कंटेनमैंट जोन है इसलिए जांच अभी अधूरी है। नरेंद्र से पूछताछ और कालोनी के लोगों से पूछताछ के बाद ही जांच पूरी हो सकेगी। 

 

रखना है या निकालना है, आी लेना है फैसला
जी.एम.सी.एच.-32 के ज्वाइंट डायरैटर एडमिनिस्ट्रेशन जसबीर सिंह का कहना है कि नरेंद्र कुमार पर पुलिस मामला दर्ज कर चुकी है। वह कोरोना संक्रमित है। उसका घर कंटेनमैंट जोन में है। ठीक होने के बाद जब वह घर जाएगा भी तो कंटेनमैंट जोन से अस्पताल कैसे आ सकता है? नरेंद्र को अस्पताल में रखना है या निकालना है इसको लेकर अभी फैसला किया जाना है। नरेंद्र को ड्यूटी न ज्वाइन करने के निर्देश इसलिए दिए गए हैं योंकि वह फिलहाल पॉजीटिव है और कंटेनमैंट जोन से है।

 

पी.पी.ई. किट नहीं दी थी, मैं ड्यूटी पर हुआ संक्रमित
वहीं, अगर नरेंद्र की मानें तो कोरोना संकट में वह अस्पताल में काम कर रहा था। अस्पताल ने उसे पी.पी.ई. किट नहीं दी थी। 17 अप्रैल के दिन उसने कोई पार्टी नहीं की। उस दिन वह ड्यूटी पर था। उसका वेतन महज 13 हजार रुपए है। वह सौ से ज्यादा लोगों को खाना कैसे खिला सकता है? महामारी के समय में अस्पताल उसे ड्यूटी से निकालने का फैसला कैसे ले सकता है?
 


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pooja verma

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