रैंट जमा करवाने के बावजूद नाम डिफाल्टरों की सूची में

punjabkesari.in Saturday, Jun 22, 2019 - 11:56 AM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंद्र): चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड में स्मॉल फ्लैट्स स्कीम व अलग-अलग स्कीम के अंडर की गई अलॉटमैंट के तहत उन अलॉटियों का नाम भी डिफाल्टरों की सूची में आ रहा है, जो पहले ही अपना रैंट जमा करवा चुके हैं। 

 

ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि पूरी जानकारी न देने के चलते अलॉटियों के अकाउंट में ये राशि के्रडिट नहीं हो रही है, बल्कि ये सस्पैंस अकाऊंट में जा रहा है। जिस कारण अलॉटियों की परेशानी बढ़ रही है, क्योंकि बोर्ड उन्हें अलॉटमैंट कैंसिल करने के नोटिस जारी कर रहा है। 

 

यही कारण है कि बोर्ड ने अलॉटियों को राहत देने के लिए फैसला लिया है कि सस्पैंस अकाऊंट में जो अमाऊंट पड़ा है, वह पूरा अमाऊंट अब संबंधित अलॉटियों की तलाश करके उनके खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इससे अलॉटियों का रैंट क्लीयर हो जाएगा और डिफाल्टरों की सूची में उनका नाम नहीं आएगा। 

 

अपनी पूरी डिटेल नहीं दे रहे अलॉटी
इस संबंध में बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि अलॉटी बैंक में अपना रैंट जमा करवाते हुए अपनी पूरी डिटेल नहीं दे रहे हैं, जिस कारण उनके अकाऊंट की जगह सस्पैंस अकाउंट में उनका रैंट जा रहा है। इसी तरह बैंक भी जब उन्हें इस संबंध में डाटा प्रदान कर रहा है तो वह भी पूरी डिटेल नहीं दे रहा है। 

 

जिस कारण ही सस्पैंस अमाऊंट में राशि बढ़ती जा रही है। जो लोग रैंट जमा करवा भी रहे हैं, उनका नाम भी डिफाल्टरों की सूची में शामिल हो रहा है। इन्हीं सभी समस्याओं का वह हल करने जा रहे हैं। अधिकतर अलॉटी रैंट तो जमा करवा देते हैं, लेकिन वह रिसीप्ट संभाल के नहीं रखते है। 

 

बोर्ड का तर्क है कि इन सभी कारण के चलते उसका नाम खराब हो रहा है। इसमें सिर्फ बोर्ड के फ्लैट्स के ग्राऊंड रैंट को लेकर ही नहीं, बल्कि पुनर्वास योजना के अलॉटी भी शामिल हैं। 

 

अधिकारियों की हुई मीटिंग 
इसे लेकर सेक्रैटरी, चीफ अकाऊंट ऑफिसर और कंप्यूटर इंचार्ज की मीटिंग भी हुई, जिसमें इस समस्या के निपटान के लिए प्रिंसीपल बैंक के न्यू अरेंजमैंट्स करने का फैसला लिया गया लेकिन जो अमाऊंट अभी फिलहाल सस्पैंस अकाऊंट में पड़ा है, उसको अलॉटियों के अकाऊंट में ट्रांसफर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। 

 

लेकर बोर्ड के चेयरमैन के साथ भी चर्चा की गई थी, जिसके बाद ही बोर्ड इस नतीजे पर पहुंचा। सस्पैंस अमाऊंट से ट्रांसफर के लिए अलॉटी का रजिस्ट्रेशन नंबर, फ्लैट नंबर व अलॉटी का नाम चैक किया जाएगा। 

 

इनमें से दो चीजें तो चैक की ही जाएंगी और अन्य केसों में फ्लैट नंबर के साथ ही बोर्ड आगे बढ़ेगा। बोर्ड की इस प्रक्रिया में कुछ गलतियां भी होंगी, जो बाद में सामने आएगी लेकिन इस कारण बोर्ड अलॉटियों की परेशानी और बढ़ाना नहीं चाहता है। 


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pooja verma

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