एन.एच.एम. कर्मियों को वक्त पर नहीं मिल रही सैलरी

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 10:59 AM (IST)

चंडीगढ़(पाल): एन.एच.एम. (नैशनल हैल्थ मिशन) में काम कर रहे कर्मियों को इन दिनों अपनी सैलरी के लिए महीनों-महीनों इंतजार करना पड़ रहा है। सूत्रों की माने तो पिछले 5 महीनों से कर्मियों की सैलरी वक्त पर नहीं आ रही है। एन.एच.एम. में 700 के करीब कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे है जिसमें ए.एन.एम., लैब टैक्शियन, डाक्टर्स, स्पैशलिस्ट, डाटा एंट्री ऑपरेटर्स, स्टाफ नर्स आदि शामिल है। सैलरी वक्त पर न आने के कारण कई कर्मी नौकरी तक छोडऩे की सोच रहे हैं। कर्मियों ने बताया कि एन.एच.एम. की हैड डा. संगीता से लेकर वह हैल्थ डायरैक्टर तक अपनी परेशानी को बता चुके हैं, इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। 

पिछले साल भी कर्मियों ने कम सैलरी व सैलरी वक्त पर न आने व आवास सुविधा जैसी समस्याओं को लेकर स्ट्राइक की थी। इसके बाद एम.पी.एच. के अधीन 50 हैल्थ वर्करों को निकाल दिया गया था। वहीं स्ट्राइक करने के कारण कर्मियों की सैलरी काट ली गई थी। इस बात को देखते हुए कर्मी इस बारे में किसी से बात तक नहीं करना चाहते। यही नहीं कर्मी काफी वक्त से डी.सी. रेट को लागू करने की बात भी कह रहा है, जिसे अभी तक लागू नहीं किया गया। 

नहीं मिल रही मैटरनिटी लीव 
पिछले साल केंद्र ने कामकाजी महिलाओं की मैटरनिटी लीव को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते तक कर दिया था। जिसका फायदा देश भर की कामकाजी महिलाओं को हुआ। इसके बावजूद चंडीगढ़ में एन.एच.एम. में कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत महिला कर्मियों को इसका फायदा नहीं मिल रहा। अधिकारियों की माने तो गवर्नमैंट की ओर से 6 महीने की लीव का नोटीफिकेशन हैं जबकि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से एन.एच.एम. को 12 हफ्ते का ही नोटीफिकेशन है। चंडीगढ़ एन.एच.एम. दिल्ली एन.एच.एम. की गाइडलाइनंस को फॉलो करता है। सूत्रों की माने तो दिल्ली एन.एच.एम. की तरफ से अब तक उन्हें निर्देश नहीं मिले हैं जिसकी वजह से यहां की महिलाओं को बढ़ी हुई मैटरनिटी लीव का इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। 

मिल रही है 12 हफ्ते की लीव 
एन.एच.एम. के जरिए जी.एम.एस.एच. सैक्टर-16 अस्पताल व सैक्टर-22 सिविल अस्पताल और सैक्टर-45 के सिविल अस्पताल के साथ ही शहर की कई डिस्पैंसरियों में 150 से ज्यादा डाक्टर्स कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रही है। डाक्टर्स के साथ ही पैरामैडीकल स्टाफ, स्टाफ नर्सेज और दूसरी विभागों की महिला कर्मियों को मिलाकर 700 से अधिक कर्मचारी काम कर रही हैं।

 अब तक पुरानी गाइडलाइंस के जरिए ही महिला कर्मियों को मैटरनिटी लीव मिलती आ रही है जिसके तहत एन.एच.एम में एक वर्ष से ज्यादा काम कर चुकी महिला कर्मी को सैलरी के साथ 12 हफ्ते की लीव दी जा रही है जबकि जिस कर्मी को एन.एच.एम. के साथ एक वर्ष पूरा नहीं हुआ है उस महिला कर्मी को सैलरी के बिना 12 हफ्ते की लीव दी जाती है।  


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bhavita joshi

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