हरियाणा सरकार एम.एम.एल.पी. और सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर कर रही तेजी से काम: कौशल
punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2023 - 07:05 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने उद्योग और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को पी.एम.-कुसुम योजना के तहत मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एम.एम.एल.पी.) और सौर ऊर्जा उत्पादन बुनियादी ढांचे की स्थापना हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एन.एच.एल.एम.एल.) के साथ समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर करने की सभी औपचारिकताओं को 15 दिनों के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पी.एम.-कुसुम) योजना के तहत एम.एम.एल.पी. और सौर ऊर्जा उत्पादन बुनियादी ढांचे की स्थापना के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से एम.एम.एल.पी. और सौर ऊर्जा उत्पादन बुनियादी ढांचे की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एन.एच.एल.एम.एल.) के सी.ई.ओ. प्रकाश गौड़ ने बताया कि एन.एच.एल.एम.एल. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) का पूर्ण स्वामित्व वाला स्पैशल पर्पस व्हीकल (एस.पी.वी.) है। एन.एच.एल.एम.एल. को देशभर में 35 स्थानों पर मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एम.एम.एल.पी.) विकसित करने का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है। भारत सरकार की आॢथक मामलों की कैबिनेट समिति (सी.सी.ई.ए.) द्वारा अनुमोदित 35 एम.एम.एल.पी. साइट में हरियाणा में दो स्थानों-अम्बाला और हिसार में एम.एम.एल.पी. विकसित किया जाएगा। दिल्ली-एन.सी.आर. क्षेत्र के लिए भी एक एम.एम.एल.पी. प्रस्तावित है। इसके लिए एन.एच.एल.एम.एल. ने हरियाणा सरकार से 100 से 150 एकड़ तक की भूमि को चिह्नित करने का अनुरोध किया है और इस प्रकार की भूमि रेल लाइनों, डी.एफ.सी. और राष्ट्रीय राजमार्गों के पास स्थित होनी चाहिए। इसके अलावा, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रैसवे, औद्योगिक केंद्रों या उत्पादन केंद्रों के निकट होने से एम.एम.एल.पी. की व्यावसायिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने की भी सिफारिश की गई।
एन.एच.एल.एम.एल. सौर डिवैल्पर्स को भूमि प्रदान करेगा
उन्होंने कहा कि एन.एच.एल.एम.एल. ने पी.एम. कुसुम योजना के तहत परियोजनाओं को लागू करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है। इस योजना योजना के तहत, एन.एच.एल.एम.एल. राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रैसवे के साथ इंटरचेंज पर सौर डिवैल्पर्स को भूमि प्रदान करेगा। इसके बाद डिवैल्पर्स रेस्को (रिन्यूएबल एनर्जी सॢवस कंपनी) मोड में परियोजनाओं को क्रियान्वित करेंगे, जो डिजाइन, बिल्ड, फाइनैंस, ऑप्रेट और ट्रांसफर मॉडल के समान है। डिवैल्पर्स 25 वर्षों की अवधि के लिए बोली मूल्य पर राज्य की बिजली कंपनियों को बिजली प्रदान करेंगे। राज्य डिस्कॉम पी.एम. कुसुम योजना के तहत डिवैल्पर्स का चयन करेंगे और बोली मूल्य पर उनसे बिजली खरीदेंगे। डिस्कॉम भूमि के उपयोग के लिए एन.एच.एल.एम.एल. को लीज रेंट का भी भुगतान करेगी। इन पायलट परियोजनाओं का कार्यान्वयन हरित और आत्मनिर्भर राजमार्गों के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।