नगर निगम बैठक में हुआ जबरदस्त हंगामा, भट्टी पर कार्रवाई की मांग

punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2018 - 12:24 PM (IST)

चंडीगढ़ (राय): पिछले दिनों भाजपा पार्षद राजेश कालिया को अपने कमरे से बाहर निकलने को कहने वाले एम.ओ.एच. पी.एस. भट्टी पर कार्रवाई की मांग को लेकर नगर निगम सदन की सोमवार को हुई बैठक में जबरदस्त हंगामा हुआ। पार्षद इस बात पर अड़े रहे कि भट्टी को उनके गृह राज्य वापस भेजा जाए। 

 

इस पर निगम कमिश्नर जतिंद्र यादव पार्षदों को यह समझाने में लगे रहे कि भट्टी पर कार्रवाई जांच के बाद की जाएगी तो पार्षद और भड़क गए। कालिया ने तो सदन की बैठक से उठकर जाने और जब तक भट्टी पर कार्रवाई नहीं होने, तब तक सदन में वापस न आने की धमकी दे डाली। हालांकि भाजपा पार्षद अरुण सूद ने कालिया को समझा-बुझाकर वापस बैठा दिया। 

 

फिर स्वयं सूद ने सदन में यह मामला उठाते हुए भट्टी पर कार्रवाई की मांग की। इस पर भी कमिश्नर नहीं माने तो एक बार फिर कालिया ने सदन से बाहर जाने की बात कही। जब सभी पार्षद भट्टी पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे तो कमिश्नर ने पार्षदों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब मामला शांत हुआ।

 

सारा मामला पिछले दिनों भट्टी द्वारा कालिया के साथ दुव्र्यवहार का था, जिसमें भट्टी ने कालिया को अपने कमरे से बाहर निकलने के लिए कहा था। उसके बाद से ही पार्षद भट्टी को उनके पद से हटाए जाने की मांग कर रहे थे। आज बैठक में भाजपा व मनोनीत पार्षदों ने भट्टी के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें उनके गृह राज्य पंजाब वापस भजे जाने की मांग की। 

 

पार्षद कालिया के पक्ष के सभी पार्षदों ने जन-निर्वाचित पार्षद के साथ दुव्र्यवहार पर रोष प्रकट करते हुए उक्त अधिकारी पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। जवाब में निगमायुक्त और अतिरिक्त निगमायुक्त ने कानून का हवाला देते हुए  कहा कि एम.ओ.एच. का पक्ष सुने बगैर कोई भी कार्रवाई अनुचित है। फिलहाल अधिकारी देश से बाहर हैं। 

 

जब वह आएंगे तो उनका पक्ष सुनने के बाद जांच  कर कार्रवाई संभव हो जाएगी। सूद ने कहा कि क्या इतना सबूत अधिकारी पर कार्रवाई के लिए पर्याप्त नहीं कि उसने पार्षद पर आक्रामक रुख अपनाया। पार्षद जनता का चुना प्रतिनिधि होता है, यह उसका अपमान है। 

 

इसलिए अधिकारी पर कार्रवाई की जाए। इस मामले पर पूर्व मेयर आशा जायसवाल, गुरप्रीत ढिल्लों, सतप्रकाश अग्रवाल, शक्ति प्रकाश देवशाली, हीरा नेगी, चंद्रवती शुक्ला, भरत कुमार डिप्टी मेयर सहित काफी पार्षदों ने राजेश कालिया का समर्थन किया। बात इतनी बढ़ गई कि राजेश कालिया सदन में जमीन पर बैठ गए। 

 

क्या था मामला 
अस्थायी कर्मचारियों को ड्यूटी से निकालने के खिलाफ पार्षद राजेश कालिया एम.ओ.एच. पी.एस. भट्टी से मिले थे। कालिया ने भट्टी का निगम हाऊस में भी इस रवैये को लेकर विरोध किया था। यही कारण है कि एम.ओ.एच. ऑफिस में दोनों के बीच इतनी बात बढ़ गई। एम.ओ.एच. ने कालिया को गेटआऊट कह दिया। इसके बाद ही कालिया ने इसकी सूचना मेयर और अपने साथी अन्य पार्षदों को दी थी।


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