नगर निगम की इमारतों को फ्री मिलेगी 15 मैगावाट बिजली

Sunday, Jun 17, 2018 - 09:39 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : ज्वाइंट इलैक्ट्रिसिटी रेगुलैट्री कमीशन (जे.ई.आर.सी.) ने चंडीगढ़ के सबसे बड़े सोलर फोटोवॉल्टिक पावर प्लांट प्रोजैक्ट को स्पैशल केस के तौर पर अप्रूवल दे दी है। यह प्रोजैक्ट नगर निगम के सैक्टर-39 वाटर वर्क्स के रॉ वाटर टैंक्स पर तैयार होगा। इसकी कैपेसिटी 15 मैगावाट की होगी। 

इतना ही नहीं, इस प्रोजैक्ट से सबसे अधिक फायदा नगर निगम को होने वाला है क्योंकि इस प्रोजैक्ट को स्पैशल केस के तौर पर अप्रूवल देते हुए कमीशन ने इससे जैनरेट होने वाली सोलर एनर्जी को सीधे ग्रिड में भेजने के प्रोपोजल को भी मंजूरी दे दी है। 

इससे होगा यह कि अब वाटर वक्र्स से जैनरेट होने वाली 15 मैगावाट सोलर एनर्जी को डिस्कॉम के इसी सैक्टर के सब-स्टेशन में सीधे भेज दिया जाएगा। इसका इस्तेमाल डिस्कॉम द्वारा किया जाएगा। इसके बदले में डिस्कॉम नगर निगम की बिल्डिंग्स में इस्तेमाल होने वाली बिजली में छूट देगा। 

यानि निगम की इमारतों में 15 मैगावाट फ्री बिजली जाएगी। इस साल फरवरी में चंडीगढ़ रिन्यूअबल एनर्जी एंड साइंस एंड टैक्नोलॉजी प्रोमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) ने इस प्रोजैक्ट के लिए के लिए कमीशन के पास पटीशन फाइल की थी। इसे अब जे.ई.आर.सी. द्वारा ग्रीन सिग्नल मिल गया है। 

ग्रॉस मीटरिंग की मिली परमिशन :
इस प्रोजैक्ट के तहत वाटर वक्र्स से जैनरेट होने वाली सोलर एनर्जी की ग्रॉस मीटरिंग की परमिशन मिली है। हालांकि इसकी बिलिंग नैट मीटरिंग मोड में होगी जिससे कि पूरी एनर्जी को डिस्कॉम को ग्रिड में भेजी जा सकेगी।

इससे पहले डिस्कॉम की ओर से ऑब्जैक्शन की गई है कि इतने अधिक टैरिफ में बिजली नहीं खरीदी जाएगी क्योंकि इससे एवरेज पावर पर्चेज कॉस्ट में इजाफा होगा लेकिन सर्वे के अनुसार डिस्कॉम का एक 66 के.वी. का सब स्टेशन सैक्टर-39 में है, जो 1 किलोमीटर के दायरे में आता है। इसके जरिए 15 मैगावाट सोलर पावर प्लांट को कनैक्ट किया जा सकता है। 

Punjab Kesari

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