‘शौक ने बना दिया प्रोफैशनल स्टंटमैन’

Friday, Oct 13, 2017 - 10:00 AM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : पहले स्कूल में साइकिल पर स्टंट करते-करते कब मोटरसाइकिल प्रोफैशनल स्टंटमैन बन गए, यह तो पता ही नहीं चला। यह कहना है दिल्ली से शहर में स्टंट शो में भाग लेने पंहुचे बंटी का। यह बात उन्होंने यू.आई.ई.टी.पी.यू. में आयोजित स्टंट शो के दौरान कही।

 

उन्होंने कहा की पहले वह सिर्फ स्कूल जाते और आते समय मैदान में साइकिल पर स्टंट करते थे लेकिन धीरे-धीरे जब यह स्टंट में बेहतर हो गए तो इसके बाद मोटरसाइकिल पर भी स्टंट करना शुरू कर दिया। इस दौरान उनके माता-पिता स्टंट करने से मना करते रहे, लेकिन वह कहते हैं कि शौक इतना था कि बिना स्टंट किए उन्हें नींद ही नहीं आती थी। 

 

उन्होंने कहा की स्टंट यह नहीं होता है कि अब चलते हुए रोड पर स्टंट करने लग जाओ और खुद तथा दूसरों का जीवन भी संकट में डालो। उन्होंने कहा कि स्टंट एक कला हैं जिसको करने और सीखने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि शुरूआत में स्टंट सिखते समय कई बार घायल भी हुआ लेकिन हिम्मत नहीं हारी और एक बेहतर स्टंटमैन बनकर उभरा। उन्होंने कहा कि अब तो कपंनी की ओर से पूरा सहयोग किया जा रहा है और अब पूरे देश में करीब 400 से अधिक स्टंट शो कर चुका हूं। 

 

कड़ी मेहनत के बाद बनता है एक परफैक्ट स्टंटमैन :
एक दो दिन या फिर एक दो महिनों में कोई स्टंटमैन नहीं बन जाता। स्टंटमैन बनने के लिए एक आम इंसान को बहुत कठिनाइयों और कड़ी मेहनत से गुजरना होता है। फिल्मों में स्टंटमैन अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर स्टंट करता है और नाम एक्टर का होता है। फिर भी स्टंटमैन का कहीं भी नाम नहीं आता। परफैक्ट स्टंटमैन बनना अग्नि परीक्षा से कम नहीं होता।

 

हर स्टंट के लिए करनी पड़ती है अलग तैयारी :
बाइक के पहियों को उठाना, हवा में उड़ाना ही स्टंट ही नहीं होता है। स्टंट की परिभाषा को समझाना मुश्किल है। स्टंट के लिए एक ही प्रैक्टिस नहीं की जाती है। हर स्टंट के लिए प्रैक्टिस भी अलग से होती है। जैसा स्टंट वैसी ही प्रैक्टिस होती है। उन्होंने कहा कि 2014 में स्टंट के दौरान एल्बो टूट गई थी। इसके बाद ऐसा लग रहा था कि अब स्टंट करना काफी मुश्किल हो जाएगा, लेकिन कपंनी तथा परिवार की स्पोट से वापसी कर ली और अब काफी सर्तकता के साथ स्टंट शो में भाग लेता हूं। 

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