जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं मोरनी के छात्र

punjabkesari.in Saturday, Jul 28, 2018 - 05:20 PM (IST)

मोरनी(अनिल) : पंचकूला के मोरनी क्षेत्र में कई गांव ऐसे भी हैं, जहां नदी पर पुल नहीं होने से गांवों के लोग परेशान हैं और बरसातों में नदी के पानी का स्तर बढऩे के कारण बच्चे भी स्कूल नहीं जा पाते हैं। अगर जाते हैं तो उन्हें जान हथेली पर रखकर नदी पार करनी पड़ती हैं। 

मोरनी खंड की 6 पंचायतों के लोगों के लिए बरसात का मौसम आफत बनकर आता है। प्लासरा पंचायत के गांव खैरी खोपर की बात हो चाहे बडीशेर और बालदवाला पंचायत के सूकावास से तुर्रो स्कूल आने की। 

कई बार तो रिश्तेदारों के यहां रूकना पड़ता है : 
पंचायत के सरपंच नरेश कुमार ने बताया कि बरसात में जहां ग्रामीणों को रोजी रोटी के लिए दिन में कई दफा नदी पार करनी पड़ती है वहीं मरीजों को लेकर आने-जाने का कोई साधन न होने के कारण मरीजों को अपने रिश्तेदार के यहीं रूकना पड़ता है।

6 गांवों के बच्चों के आफत है बारिश :
प्लासरा पंचायत के 6 गांवों के स्कूली बच्चे भी शिक्षा ग्रहण करने  नदी पार कर जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मोरनी खंड की कई नदियों में पानी कब कितना तेज आ जाए कुछ पता ही नहीं चलता। कई बार तो ग्रामीण बरसात के दिनों में बच्चों को कंधों पर उठाकर नदी  पार करवाते हैं और शाम को भी उनके आने तक का इंतजार करते हैं। 

धीमी गति से हो रहा पुल निर्माण का कार्य :
हरियाणा सरकार ने मोरनी खंड की नीमवाला नदी पर पुल का निर्माण कार्य तो शुरू करवा दिया मगर बरसात के कारण निर्माण कार्य धीमी गति  से चल रहा है। वहीं बडीशेर नदी पर भी कार्य शुरू हो गया है, मगर मोरनी खंड के कई नालों पर आज भी पुल नहीं है।


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Priyanka rana

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