मोहाली इंडस्ट्रियल प्लॉट मामले में ज्वाइंट डायरैक्टर फैक्टरीज गिरफ्तार

punjabkesari.in Saturday, Apr 01, 2023 - 08:30 PM (IST)

चंडीगढ़,(रमनजीत): पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने तफ्तीश के दौरान आरोपी साबित होने के बाद नरिन्दर सिंह ज्वाइंट डायरैक्टर फैक्टरीज (श्रम विभाग) एस.ए.एस. नगर मोहाली को गिरफ्तार किया है। नरिंदर सिंह पर आरोप है कि उसने एस.ए.एस. नगर स्थित फिलिप्स फैक्ट्री को अनधिकृत तौर पर डीरजिस्टर कर दिया था, जिस कारण पंजाब सरकार को 600 से 700 करोड़ रुपए का राजस्व नुक्सान पहुंचा और अलग-अलग अदालतों में मामलों का सामना करना पड़ा। आरोपी को आज एस.ए.एस. नगर की अदालत में पेश करके विजीलैंस ब्यूरो ने पांच दिनों का पुलिस रिमांड हासिल कर लिया है।

 

 


विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में अब तक 9 मुलजिम अधिकारी/ कर्मचारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जो न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। प्रवक्ता ने बताया कि इस केस की तफ्तीश के दौरान 31 मार्च 2023 को नरिन्दर सिंह ज्वाइंट डायरैक्टर निवासी मकान नंबर-1397 सैक्टर 68 एस.ए.एस. नगर को आरोपी के तौर पर नामजद करके गिरफ्तार कर लिया गया। जांच के दौरान पाया गया कि उक्त अधिकारी ने 28 दिसंबर 2018 को सुकंतो आइच डायरैक्टर और फिलिप्स कंपनी की तरफ से श्रम कमिश्नर पंजाब को मुखातिब एक दरखास्त डाक के द्वारा भेजी गई परंतु नरिन्दर सिंह ने यह दरखास्त श्रम कमिश्नर पंजाब को भेजे बिना खुद ही कार्रवाई शुरू कर दी। 

 

 


उक्त अधिकारी ने अपने एक पत्र द्वारा बगैर कोई पड़ताल किए या फिलिप्स कंपनी के किसी वर्कर के बयान लिए बिना और श्रम कमिश्नर की मंजूरी के बगैर ही उक्त फैक्ट्री डीरजिस्टर कर दी। इसके अलावा फैक्ट्री डीरजिस्टर करने संबंधी अलग-अलग इंडस्ट्रीज, डायरैक्टर फैक्ट्रीज आदि के दफ्तरों की जानकारी के लिए 25  जनवरी 2019 को जारी पत्र की कॉपी भेजी लिखा परन्तु यह पत्र किसी भी दफ्तर में मोसुल नहीं हुआ।

 

 


इसके बाद 27 फरवरी 2019 को श्रम इंस्पैक्टर ने स्थानीय चीफ  ज्युडीशियल मैजिस्ट्रेट की अदालत में पंजाब सरकार की तरफ से औद्योगिक विवाद कानून 1947 की धारा 25 का चालान संकूतो आइच और अमित मित्तल, मैसर्ज फिलिप्स इंडिया लिमिटेड फेज-9 एस.ए.एस. नगर के खिलाफ  दायर कर दिया।
बताने योग्य है कि यदि नरिन्दर सिंह इस फैक्ट्री को डीरजिस्टर न करता तो यह फैक्ट्री बंद नहीं की जा सकती थी और औद्योगिक विवाद कानून की धारा 25 के तहत चालान देना ही नहीं बनता था। ऐसा चालान करने से पहले नरिन्दर सिंह को बाकायदा पड़ताल करनी बनती थी, जो उसने नहीं की। इसी कारण उक्त प्रतिवादियों ने पंजाब सरकार के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में विशेष आज्ञा पटीशन दायर करके 5 अगस्त 2019 को धारा 25 के अंतर्गत किए चालान के विरुद्ध रोक हासिल कर ली थी। जांच के दौरान पाया गया कि यदि यह अधिकारी उक्त फैक्ट्री को डीरजिस्टर न करता तो पंजाब सरकार को 600 से 700 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होना था। इस मुकदमे की आगे तफ्तीश जारी है।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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