शहर के दोनों मोबाइल पुलिस स्टेशन ठप होने के कगार पर

Thursday, Apr 18, 2019 - 09:42 AM (IST)

चंडीगढ़(सुशील) : सामान गुम होने पर ऑनलाइन डी.डी.आर. करने के बाद चंडीगढ़ पुलिस द्वारा चलाए गए दो मोबाइल पुलिस स्टेशन बिल्कुल ठप होने के कगार पर हैं, क्योंकि मोबाइल पुलिस स्टेशन पर सिर्फ डी.डी.आर. ही दर्ज होती थी। 

आम लोग सामान गुम होने की डी.डी.आर. मोबाइल या फिर कंप्यूटर से दर्ज कर लेते हैं। हर पुलिस स्टेशन पर चार से पांच पुलिसकर्मी मौजूद होते हैं। जब मोबाइल पुलिस स्टेशन पर आम लोग डी.डी.आर. करवाने आते ही नहीं, तो मोबाइल पुलिस स्टेशन पर तैनात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी किसी अन्य यूनिटों में लगा सकते हैं। 

पुलिस के मुताबिक दोनों मोबाइल पुलिस स्टेशन पर 8 साल में 16 हजार 845 लोगों ने डी.डी.आर. ही दर्ज करवाई है, जिनमें मोबाइल पुलिस स्टेशन नंबर एक पर सात हजार 329 और मोबाइल पुलिस स्टेशन नंबर दो पर नौ हजार 516 लोगों ने कागजात, आर.सी. समेत अन्य सामान गुम होने की डी.डी.आर. दर्ज हुई। दोनों मोबाइल पुलिस स्टेशन पर तैनात पुलिसकर्मियों ने नौ हजार 122 सीनियर सिटीजन, एक हजार 668 रैजीडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन और 658 मार्कीट एसोसिएशन के साथ बैठक की है।

2012 में लॉन्च किया था मोबाइल पुलिस स्टेशन :
पुलिस स्टेशन में जिन लोगों की सुनवाई नहीं होती थी, उनके लिए पुलिस विभाग ने 2012 में दो मोबाइल पुलिस स्टेशन लॉन्च किए गए थे। यह पुलिस स्टेशन ज्यादातर कॉलोनियों में तैनात किए गए बीट बॉक्स पर अलग-अलग दिन खड़े होते हैं। पुलिस विभाग की मानें तो दोनों पुलिस स्टेशन पर डी.डी.आर. दर्ज करने का काम किया था। 

कई स्थानों पर तैनात की गई यह वैन :
पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिसकर्मियों को व्यवहार फ्रैंडली होता तो पुलिस विभाग को मोबाइल पुलिस स्टेशन और आई क्लिक मशीन लांच करने की जरूरत नहीं पड़ती। पुलिस स्टेशन में तैनात मुंशी गरीब लोगों की डी.डी.आर. दर्ज नहीं करते थे। डी.डी.आर. दर्ज करने की एवज में रुपए की मांग भी करते थे। 

इसी कारण पुलिस विभाग ने सैक्टर-22 में आई क्लिक मशीन को लॉन्च किया। इसके बाद मोबाइल पुलिस स्टेशन मलोया, बापूधाम, कजेहड़ी, मौलीजागरां, डड्डूमाजरा, बुडै़ल, टीन कालोनी, हल्लोमाजरा, पलसौरा, विकास नगर, मौलीजागरां, रायपुर खुर्द ,धनास सैक्टर-25 में तैनात किए गए। 

Priyanka rana

Advertising