प्रशासन माइनिंग माफिया के हाथों की बना कठपुतली

Sunday, Feb 18, 2018 - 11:14 AM (IST)

डेराबस्सी/जीरकपुर(गुरप्रीत) : अवैध खनन रोकने के सरकार के तमाम दावों के बाद भी प्रशासन की नाक नीचे अवैध खनन खुलेआम हो रही है। डेराबस्सी के साथ साथ जीरकपुर क्षेत्र में घग्गर व निकटवर्ती गांवों की जमीनों की सरेआम माइनिंग माफिया द्वारा अवैध रुप से खुदाई कर कुदरती खनिज पदार्थों को निकाला जा रहा है। 

 

यहां चल सरकारी सरप्रस्ती में चल रहे इस गोरख धंधे में जहां सियासी नेताओं को तो करोड़ो का मुनाफा हो रहा है लेकिन सरकार को करोड़ों का चुना लग रहा है। सरकारी सरप्रस्ती होने कारण माइनिंग माफिया के हौसले इतने बुलंद हे कि जहां प्रशासन को तो वह अपने हाथों की कठपुतली समझते है वहीं माननीय हाईकोर्ट के आदेशों की उल्लंघना करने में भी कोई डर नहीं लगता है। 

 

प्राप्त जानकारी मुताबिक सरकार द्वारा डेराबस्सी क्षेत्र में घग्गर के साथ सटे गांव मुबारिकपुर, सुडंरा, पंडवाला, मीरपुर, बाकरपुर आदि खड्डों (घाट) की बोली करवाई गई थी। अभी तक इस घाटों की आधिकारिक तौर पर कोई मंजूरी नहीं आई है लेकिन इसके बाजवूद पिछले काफी समय से सरकार के बड़े नेताओं के अशीर्वाद से माइनिंग माफिया ने उक्त गांवों के अलावा जीरकपुर के पीरमुच्छैला, सनौली, सताबगढ़ आदि की जमीनों को भी नहीं बख्शा। इन सभी जगहों पर अवैध खनन का धंधा पूरे जोरों शोरों से चल रहा है। इन क्षेत्र की जमीनों में कई कई फीट गहरे गढ्डे आम देखे जा सकते हैं। 

 

आरोप है कि माइनिंग विभाग से लेकर लोकल प्रशासन व पुलिस के अफसरों के साथ माइनिंग माफिया की मिलीभगत है जिसके चलते इस गोरख धंदे बेखौफ हो रहा है। क्रैशर युनियन के प्रधान अमरजीत बांसल ने कहा कि क्रैशर मालिकों पर भी रॉयलटी देने का दबाव बनाया जा रहा है जिसका सभी डटकर विरोध कर रहे है। यहां अवैध वसूली कारण क्रैशर मालिकों को काफी नुक्सान हो रहा है।

 

ये कहते हैं अधिकारी :
इस बारे  में जिला माइनिंग अफसर सिमरप्रीत कौर ढिल्लों ने कहा कि जब भी कोई शिकायत मिलती है तो विभाग द्वारा अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। जल्द ही इलाके की चैकिंग की बनती कार्रवाई की जाएगी।

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