प्लानिंग के अभाव की वजह से गंवाए करोड़ो, ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा

punjabkesari.in Friday, Feb 24, 2017 - 10:36 PM (IST)

चंडीगढ़, (विजय) : सारंगपुर में बनने वाले दो 20 मैगावाट के सब-स्टेशन के निर्माण पर अब सवाल उठने लगे हैं। सही प्लानिंग के अभाव के कारण न तो फंड का सही इस्तेमाल हो पाया बल्कि लगभग 14 करोड़ रुपए का ब्याज भी गंवा दिया। जिसका खुलासा वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में हुआ। रिपोर्ट में बताया कि बिजली विभाग ने 2009 में पावर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के साथ दो 20 मैगावाट के सब-स्टेशन को बनाने का कांट्रैक्ट साइन किया।

जिस पर लगभग 9.86 करोड़ रुपए का कुल खर्चा आना था। कांट्रैक्ट के तहत यह प्रोजैक्ट कांट्रैक्ट साइन होने के 18 महीने अंदर कम्पलीट करना था। जून 2010 में पहली इंस्टॉलमैंट के तहत 1.30 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी गई। यानी दिसम्बर 2011 में यह प्रोजैक्ट पूरा किया जाना था।

मगर यहां विभाग की प्लानिंग फेल साबित हुई। क्योंकि बिजली विभाग ने साइट क्लीयरैंस और अलॉटमैंट का काम उस समय शुरू किया जब कांट्रैक्ट साइन हो चुका था। कांट्रैक्ट साइन किए जाने के बाद यह बात सामने आई कि वहां से पहले से ही 11 के.वी. की हाई ट्रांसमिशन लाइन जा रही है। इसके साथ ही जमीन पर अतिक्रमण भी किया हुआ था।

2012 में मिल सकी जमीन

विभाग की लापरवाही की वजह से सब-स्टेशन के लिए जमीन जनवरी 2012 में ही मिली। प्रोजैक्ट शुरू होने में 20 महीने का समय लग गया। अतिक्रमण को हटा लिया गया लेकिन 11 के.वी. के हाई ट्रांसमिशन लाइन अभी भी मौजूद थी। बेमुश्किल साइट से ये सारी परेशानियां हटाई गई लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। रिपोर्ट के अनुसार प्लानिंग के अभाव की वजह से पॉवर ग्रिड ने यह प्रोजैक्ट सितम्बर 2016 में कम्पलीट किया। यानी 57 महीनों के बाद इस प्रोजैक्ट को पूरा किया जा सका। इसके बाद भी परेशानी खत्म नहीं हुई। पावर ग्रिड ने ये ट्रांसफॉर्मर तो विभाग को सौंप दिए लेकिन इन्हें ऑप्रेट करने के लिए 66 के.वी. की लाइनें मौजूद नहीं थीं।


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