शहर के 2.17 लाख कंज्यूमर्स पर नहीं पड़ेगा 208 करोड़ का बोझ

Friday, Sep 22, 2017 - 08:19 AM (IST)

चंडीगढ़ (विजय) : ज्वाइंट इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेट्री कमिशन (जे.ई.आर.सी.) ने यू.टी. के बिजली विभाग को झटका देते हुए 2011-12 से लेकर 2013-14 तक के रैवेन्यू गैप की भरपाई करने से मना कर दिया है। यह रैवेन्यू गैप 208.17 करोड़ रुपए का है। विभाग ने जुलाई में इस मुद्दे को लेकर रिव्यू पटीशन फाइल की गई थी, जिस पर 4 सितम्बर को हियरिंग हुई। वीरवार को कमिशन ने फैसला सुनाया, जिसमें रिव्यू पटीशन पर बिजली विभाग द्वारा दी गई दलीलें सिरे से खारी कर दीं। कमिशन ने कहा है कि रिव्यू पटीशन में विभाग की ओर से ऐसी कोई ठोस वजह नहीं बताई गई है जिससे साबित हो कि रेवेन्यू गैप की भरपाई के लिए जे.ई.आर.सी. को इस साल मई में लिया गया फैसला पलटना पड़े। कमिशन के इस फैसले से विभाग के करीब 2.17 लाख कंज्यूमर्स पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि अगर कमिशन रिव्यू पटीशन को स्वीकार लेता तो विभाग कंज्यूमर्स से ही यह सारी वसूल करता। 


 

सरकार से मांगो मदद
कमिशन ने अपने टैरिफ ऑर्डर में पहले ही क्लियर कर दिया था कि करोड़ों रुपए के गैप की भरपाई के लिए कंज्यूमर्स की जेब ढीली नहीं होने दी जाएगी। इसकी बजाय कमिशन ने सुझाव दिया था कि विभाग को इस भरपाई के लिए केंद्र सरकार से मदद लेनी चाहिए। यू.टी. के बजट में 208 करोड़ रुपए की अतिरिक्त डिमांड की जानी चाहिए। लेकिन विभाग ने केंद्र सरकार से मदद लेने की बजाय रिव्यू पटीशन फाइल कर दी थी। 


 

डिवैल्पमैंट वर्क होंगे प्रभावित
हियरिंग के दौरान डिपार्टमैंट ने भी साफ कहा था कि 2016-17 वित्त वर्ष को छोड़ दिया जाए तो उससे पहले कईं वर्षों के दौरान कमिशन ने चंडीगढ़ का टैरिफ नहीं बढ़ाया। इस कारण विभाग को करोड़ों रुपए का घाटा होता रहा। अब जबकि कमिशन ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए न तो टैरिफ बढ़ाया और न ही घाटे की भरपाई के लिए कोई अन्य ऑप्शन दिया। ऐसे में शहर में बिजली से जुड़े डिवैल्पैंट वर्क प्रभावित होंगे। इसका असर भविष्य के कईं प्रोजैक्ट्स पर पड़ सकता है।


 

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