चंडीगढ़ तैयार करेगा प्रवासी पक्षियों के संरक्षण का प्लान

Wednesday, Oct 03, 2018 - 08:52 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : नवम्बर के पहले सप्ताह से एक बार फिर सुखना लेक में माइग्रेटरी बर्ड्स के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। ये प्रवासी पक्षी लेक और इसके आसपास की वाटर बॉडीज में अप्रैल तक रुकेंगे। पिछले वर्ष जिस तरह से माइग्रेटरी बर्ड्स की संख्या में अचानक से कमी दर्ज की गई थी, उसे देखते हुए अब चंडीगढ़ इन प्रवासी पक्षियों के संरक्षण का प्लान तैयार करने जा रहा है। मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमैंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज की गाइडलाइंस के आधार पर चंडीगढ़ को यह प्लान तैयार करना होगा। 

गौरतलब है कि हाल ही में मिनिस्ट्री ने चंडीगढ़ को माइग्रेटरी बर्ड्स के नैशनल एक्शन प्लान के तहत शामिल किया था। इसमें बताना होगा कि साइबेरिया, चीन और अफगानिस्तान सहित अन्य कई देशों से लगभग 2000 किलोमीटर का सफर तय करके आने वाली माइग्रेटरी बर्ड्स के संरक्षण के लिए 2023 तक चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से क्या कदम उठाए जाएंगे? 

विभागीय सूत्रों के अनुसार मिनिस्ट्री की ओर से जो गाइडलाइंस तैयार की गई हैं उसके तहत प्लान में पारस्परिक संबंध रखने वाले छह कंपोनैंटस होने चाहिए। इनमें स्पीसिज कंजर्वेशन, हैबिटेट कंजर्वेशन, सस्टेनेबल मैनेजमैंट, कैपेसिटी डिवैल्पमैंट, कम्यूनिकेशन एंड आऊटरीच, रिसर्च एंड नॉलेज बेस डिवैल्पमैंट, इंटरनैशनल को-ऑपरेशन शामिल हैं।

लेक में आते हैं ये माइग्रेटरी बर्ड्स :
ब्रह्मणी डक, कॉमन पोचार्ड, रेड-क्रस्टिड पोचार्ड, ग्रेबेस, गीज, शेल डक्स, मार्श डक्स, डाइविंग डक्स, रेल्स, कूट्स, हिल किंगफिशर, मलार्ड, पिनटेल, कोर्मोरेंट्स, साइबेरियन डक्स, क्रेंस, स्टोक्र्स और सैंडपाइपर्स।

36 वेटलैंड की सूची में शामिल चंडीगढ़ :
मिनिस्ट्री ने चंडीगढ़ को देश की 36 वेटलैंड की सूची में शामिल किया है। इसके अतिरिक्त सिटी ब्यूटीफुल को लैंड बर्ड्स की मुख्य साइट्स की लिस्ट में भी जगह दी गई है। प्लान में साल दर साल आ रहे माइग्रेटरी बर्ड्स की संख्या, पांच वर्षों के दौरान संरक्षण की प्लानिंग, प्राकृतिक आवास और फूड के बारे में भी बताना होगा। 
 

Priyanka rana

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