दुश्मन को समझने के लिए उसकी भाषा आनी बहुत जरूरी : मनप्रीत

Tuesday, Nov 19, 2019 - 11:20 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : दुश्मन को समझना है तो दुश्मन की जुबान भी जरूर समझ में आनी चाहिए। हमें सभी पाकिस्तानी भाषा आनी चाहिए। इसके लिए पंजाबी और शाहमुखी से शुरू करना चाहिए। बलूची, पश्तो, सिंधी जैसी भाषाए हमें आनी चाहिएं, जिन्हें ट्रांसलेट करना बेहद मुश्किल है। पंजाब सरकार पी.यू. में पंजाबी विभाग स्थापित करे तो यह बेहद ही खुशी की बात होगी। यह बात पंजाब के वित्तीय मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कही। 

वह पंजाब यूनिवर्सिटी के डिफैंस एवं नैशनल सिक्योरिटी स्टडीज में सोमवार को ‘पाकिस्तान की धार्मिक कूटनीति-मिराज या वास्तविकता’ पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेने आए थे। उन्होंने पी.यू. को इसके लिए कोर्स शुरू करने को भी कहा। उन्होंने शाहमुखी के लिए पूरा खर्च वहन करने का भी ऐलान किया। फीस (20 डॉलर) कोई मसला नहीं है। मक्का-मदीना में भी फीस लगती है। 

उन्होंने कहा कि सेना को उम्मीद थी कि रोजाना 5 हजार लोग करतारपुर आएंगे, जिससे हजारों करोड़ की कमाई कर लेंगे। पंजाबियों को सेना में होना चाहिए और पंजाब में भी उनका रोल हो, ताकि शांति बनी रही। यह एक स्वस्थ संकेत है कि करतारपुर कॉरिडोर जैसी पहल की शिक्षाविदों द्वारा चर्चा की जा रही है। विभाजन में हुए सांप्रदायिक दंगे भारत और पाकिस्तान के बीच नफरत की उत्पत्ति बन गए। जब तक दोनों देश इस मुद्दे को नहीं सुलझा लेते, शत्रुता बनी रहेगी। 

पाक माफी मांगेगा तो माफी देंगे : मनप्रीत बादल
मनप्रीत बादल ने कहा कि करीब 6 वर्ष पहले सैमीनार चंडीगढ़ में था। इसमें पाकिस्तानी लोग आऐ थे। मैंने उन्हें खाने के लिए बुलाया तो कहा कि सरदार जी खाना आपके घर पर खाना है। वहीं पर वह रोने लगे कि विभाजन के समय जो आम लोगों के साथ हुआ, वह कितना गलत था। 

वित्तमंत्री ने कहा कि पाक अगर माफी मांगे हम माफ कर देंगे। पाक में इकोनॉमिक्स ग्रोथ नहीं हो रही है। हालांकि भारत की साल 1990 के बाद इकोनॉमिक्स ग्रोथ बढ़ी है। ग्रोथ 7-8-9 व 10 फीसदी तक बढ़ी है। आने वाले वर्षों में यह ग्रोथ 5 से 6 बिलीयन ट्रिलियन डॉलर होगी। अगर सरकारों को शिक्षण संस्थानों को आगे बढ़ाना चाहिए। कानून की इज्जत करनी जरूरी है। 

करतारपुर के बारे में उन्होंने कहा कि हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि पाकिस्तान कैसे व्यवहार करता है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जेएफ कैनेडी के शब्दों में मनप्रीत ने कहा कि कहा कि हमें पाकिस्तान पर भरोसा करना चाहिए, लेकिन पुष्टि करने के बाद ही। 

‘पाक की सरकार चल सकती है 15 माह और’ :
आई.ए.एस., अधिकारी आर.के. कौशिक ने कहा कि ईमरान खान सरकार को 15 महीने हो गए हैं और बामुश्किल 15 महीने और चल सकती है। पाकिस्तान अपने इकोनॉमिक्स सर्वाइवल के लिए भारत के साथ रिलीजियस डिप्लोमेसी खेल रहा है। पाक सरकार के कुल 47 बिलियन डॉलर के बजट का 42 फीसदी तो डिफेंस पर ही खर्च हो जाता है। सेना खुद ही कई कारोबार भी करती है, साबुन-तेल से लेकर फिल्मों का निर्माण भी करती है, जिससे उसे 49 हजार करोड़ मिलता है। 

करतारपुरसाहिब गलियारे को लेकर हमें सजग रहने की जरूरत है। क्योंकि इस गलियारे को सेना ने ही 10 माह में तैयार किया है। आई.एस.आई. और सेना कभी भी लोकतांत्रिक प्रणाली में भरोसा नहीं करते और सत्ता हथियाने या कठपुतली सरकार में ज्यादा विश्वास करते हैं। पाकिस्तान का इतिहास और बताया कि जल्दी की गई लोकतांत्रिक संस्थानों की स्थापना से वह कमजोर पड़ गए। जिन्ना का सपना एक डेमोक्रेटिक ईस्लामिक स्टेट बनाने काथा। पाकिस्तान जिसका नेतृत्व नागरिक नेताओं द्वारा किया जाता है। 

हमें पाकिस्तान की मंशा पर संदेह है। पाकिस्तान भारत का एक शत्रु है, लेकिन इसके बावजूद सकारात्मक इशारे भी होंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को इसके दृष्टिकोण का पालन करना चाहिए। वर्तमान पाकिस्तान सेना मुख्यमंत्री बहुत महत्वाकांक्षी हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की कि इमरान को अपने कार्यकाल को पूरा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जसकरन सिंह वारिच ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पाकिस्तान के निर्माता एक लोकतांत्रिक राज्य का निर्माण कैसे करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने जिस तर्क का इस्तेमाल किया वह धर्म का था। यह वह विरोधाभास है जिसने उस राष्ट्र को उसकी वर्तमान स्थिति में ला दिया था। कैसे पाकिस्तान ने परमाणु हथियार के अपने अधिग्रहण को सही ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया, उन्हें ईस्लामिक बम कहा।

Priyanka rana

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