IPS-विज विवाद में CM ने संभाला मोर्चा, बोले- मीटिंग से जाना मंत्री की शालीनता थी

Tuesday, Dec 01, 2015 - 09:46 AM (IST)

चंडीगढ़ (बंसल/पांडेय): हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और आई.पी.एस. अधिकारी संगीता कालिया के बीच हुए विवाद पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में मामला उठाते हुए कहा कि मंत्री विज और सरकार ने दलित महिला एस.पी. के साथ बदसलूकी और तबादला कर अपमान किया है। भुक्कल ने इस मामले में विज से माफी मांगने की मांग की।

करीब आधे घंटे की बहस के बीच इस मुद्दे को उठाने वाले कांग्रेस अलग-थलग पड़ गई जबकि भाजपा के अलावा विपक्षी दल इनैलो तथा निर्दलीय विधायक ने खुलकर अनिल विज का समर्थन किया। विपक्ष के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री विज ने सबसे पहले क्रमवार घटना का उल्लेख किया लेकिन फिर भी विपक्ष उससे शांत नहीं हुआ।

हालांकि गीता भुक्कल के सवाल पर मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और विधायक संतोष सारवान ने कांग्रेस सरकार में हुई दलित घटनाओं का जिक्र कर कांग्रेसियों को निशाना बनाया लेकिन फिर भी कांग्रेस विधायक विज से सफाई देने की मांग पर अड़े रहे। लिहाजा विज के समर्थन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मोर्चा संभालते हुए विपक्ष के सवालों का सटीक जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अफसर को किसी जाति व लिंग के दायरे में लाना ठीक नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आई.ए.एस. व आई.पी.एस. अफसरों को जाति व लिंग के दायरे में जोड़ा जाएगा तो सिस्टम पर कुठाराघात हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कुर्सी का सम्मान होना चाहिए और मंत्री अनिल विज ने शालीनता दिखाते हुए स्वयं मीटिंग से उठकर चले जाने का फैसला लिया था। खट्टर ने कहा कि उक्त आई.पी.एस. को दलित और महिला से नहीं जोडऩा चाहिए, इससे समाज में पहले भी नुक्सान होता रहा है और आगे भी नुक्सान होगा।

उन्होंने कहा कि जातिगत चर्चाओं की वजह से समाज बंटता है, इसीलिए उनकी सरकार ने हरियाणा एक-हरियाणवीं एक का नारा दिया है। खट्टर ने विपक्षी दलों को आईना दिखाते हुए कहा कि सदन का मैसेज आम जनता में ठीक जाना चाहिए और ऐसा करके हरियाणा को उचित स्थान पर जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एस.पी. का दायित्व है कि वह प्रशासनिक कार्यों को ठीक तरह से कार्यान्वित करें और उनका तबादला भी इसी का एक हिस्सा था।
 
विधायक जे.पी. की विज को क्लीनचिट

निर्दलीय विधायक जयप्रकाश ने भी खुलकर अनिल विज का समर्थन किया और कहा कि अधिकारियों के खिलाफ इससे भी अधिक सख्ती की जरूरत है। यह अधिकारी जनता को दूर विधायकों के भी फोन नहीं उठाते हैं। जे.पी. ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी के ऐसे रवैये पर सभी विधायकों को निंदा प्रस्ताव लाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी गलतियों को दोहराया न जा सके।

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