30 जून तक पेड़ों को सांस लेने लायक जगह बनाओ

punjabkesari.in Tuesday, Jun 11, 2019 - 12:29 PM (IST)

चंडीगढ़(राय): पेवर ब्लॉक्स और टाइल्स से घिरे पेड़ों की आखिरकार निगम को याद आ ही गई। निगम आयुक्त के.के. यादव ने सोमवार को निगम के सभी कार्यकारी अभियंताओं को पूरे शहर में 30 जून तक पेड़ों को सांस लेने की जगह प्रदान करने के निर्देश जारी किए। आयुक्त ने अर्बन ग्रीन गाइडलाइंस, 2014 पर चर्चा करने और उन्हें पूरी तरह से लागू करने के लिए सोमवार शाम सभी संबंधित कार्यकारी अभियंताओं की बैठक बुलाई। नगर निगम के रोड्स डिवीजन और बागवानी डिवीजन के कार्यकारी इंजीनियरों ने बैठक के दौरान बताया कि शहर के 70 प्रतिशत पेड़ों को पर्याप्त सांस लेने की जगह दे दी गई है और बाकी काम 30 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। 

हरियाली को और बढ़ाने के निर्देश 
आयुक्त ने कहा कि शहर और उसके आसपास के जंगलों और पेड़ों और पौधों को सुरक्षित रखकर जानवरों को भी सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करवाया जा सकता है। इससे जैव विविधता को बनाए रखने और बढ़ाने में मदद मिलती है। उन्होंने इंजीनियरों को अर्बन ग्रीन गाइडलाइंस, 2014 के अनुसार सही स्थानों पर सही प्रकार के पेड़ लगाकर शहर की हरियाली को और बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पेड़ों की प्रजातियों का चयन करते समय निॢदष्ट मानदंडों को ध्यान में रखा जाए। आयुक्त ने कहा कि सड़कों के किनारे ऐसे पेड़ लगाए जाएं जिनकी आयु लंबी हो। इनमें एवैन्यू प्लांटिंग, ग्रुप प्लांटिंग, मिक्स प्लांटिंग के रोपण को प्राथमिकता दी जाए। संस्थानों और निजी संगठनों को बागवानी प्रभाग, एम.सी.सी. से परामर्श करना होगा।

दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए
उन्होंने सड़क के किनारे पर्याप्त ऊंचाई वाले पेड़ लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने इंजीनियरों को निर्देश दिया कि सड़कों की खुदाई, विशेष रूप से सरकार द्वारा खुदाई के दौरान हरित दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए। आयुक्त ने इंजीनियरों से कहा कि वह शहर के सभी ग्रीन बैल्टों और पार्कों में एरोबिक कम्पोस्टिंग लागू करें। उन्होंने कहा कि जून, 2020 तक सभी बागवानी कचरे को वैज्ञानिक विधि और एरोबिक खाद के माध्यम से प्रोसैस किया जाए। निगम की चुनौती शहर की ग्रीन बैल्ट का विस्तार कर नागरिकों को स्वस्थ, खुशहाल और समृद्ध जीवन प्रदान करना है।

एन.जी.टी. को दिया था भरोसा
पिछले दिनों नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में निगमायुक्त के.के. यादव ने आश्वासन दिया था कि उन्होंने अपने स्टाफ को शहर भर में एन.जी.टी. के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने के लिए पेड़ की जड़ों के चारों और छह फुट क्षेत्र से सीमैंट या टाइलें हटाने का निर्देश दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया था कि आने वाली वृक्षारोपण परियोजनाओं में भी इसके के बारे में वह सतर्क रहेंगे।

सर्वे में हुआ था खुलासा
चंडीगढ़ में सूख रहे पेड़ों को लेकर सर्वे हुआ था। इसमें यह बात सामने आई थी कि सैंकड़ों पेड़ ऐसे थे, जिनके आसपास टाइल्स या पेवर ब्लॉक लगाने के कारण वह सूखने की कगार पर थे क्योंकि उन्हें पोषण नहीं मिल रहा था। हवा-पानी जड़ों तक नहीं पहुंच रहा था, जिस वजह से उनकी ग्रोथ रुक गई थी। विशेषज्ञों ने पेड़ों के आसपास लगे पवार ब्लॉक्स या सीमैंटेड वर्क को तीन फीट तक घेरे से हटाने के सुझाव दिए थे। वन विभाग व नगर निगम ने उक्त सुझावों को गंभीरता से लिया है और उसी कवायद में सोमवार को निगम आयुक्त ने अधिकारियों की मीटिंग ली। 


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bhavita joshi

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