अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस पर इन पारिवारिक नाटकों का आनंद लें

punjabkesari.in Monday, May 15, 2023 - 10:11 PM (IST)

अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस (15 मई) पर, ज़ी थिएटर पेश कर रहा है तीन पारिवारिक  नाटक 'रिश्तों का लाइव टेलीकास्ट', 'माँ रिटायर होती है', और ' डाकघर', जो रिश्तों के आनंद, एकजुटता और अनकही  विविध भावनाओं को दर्शाते हैं।  

 

 

 

'डाक घर'
रवींद्रनाथ टैगोर का मार्मिक टेलीप्ले, 'डाक घर' ग्रामीण बंगाल में शुरू होता है जहाँ  एक लाइलाज बीमारी से ग्रस्त अनाथ बच्चा  अमल अपना जीवन, खिड़की के करीब बैठे रह कर गुज़ारता है.  उसकी जीवंत कल्पना उसे  एक मुक्त जीवन का सपना देखने की अनुमति देती है और वह एक खिड़की के माध्यम से बाहरी दुनिया के साथ संवाद करता रहता है । एक दिन, उसे पता चलता है कि राजा उसके घर के पास एक नया  डाकघर खोल रहा है और वो तुरंत इच्छा करने लगता है कि वह पोस्टमास्टर बनकर राजा से मिल सके। टेलीप्ले संवेदनशील रूप से दर्शाता है कि परिवार कई रूपों में आता है और हम उन लोगों के साथ भी गहरे बंधन बना सकते हैं जिनसे हम संबंधित नहीं हैं। टेलीप्ले का निर्देशन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक नागेश कुकुनूर ने किया है। टेलीप्ले में कृष छाबड़िया, सौरभ गोयल, कुमार राजपूत, किशोर चंद्र श्रीवास्तव और अनुप्रिया गोयनका हैं। 

 

 

 

रिश्तों का लाइव टेलीकास्ट
'रिश्तों का लाइव टेलीकास्ट' आधुनिक परिवार की जटिलताओं और माता-पिता और बच्चों के बीच बढ़ती दूरियों की खोज करने वाला नाटक है। जब  शर्मा परिवार रियलिटी शो, 'रिश्तों का लाइव टेलीकास्ट' में भाग लेते हैं, तो वे उन मुद्दों से अवगत हो जाते हैं जिन्हें उन्होंने संबोधित नहीं किया था। जैसे-जैसे रियलिटी शो आगे बढ़ता है, परिवार का प्रत्येक सदस्य एक अहसास से गुजरता है जो उन्हें हमेशा के लिए बदल देता है। ईशान त्रिवेदी द्वारा निर्देशित इस हल्के-फुल्के लेकिन ज्ञानवर्धक टेलीप्ले में आकांक्षा गाडे, अंजन श्रीवास्तव, हिमानी शिवपुरी, पीयूष रानाडे और तपस्या नायक हैं।

 

 

 

मां रिटायर होती है
 मराठी लेखक अशोक पटोले द्वारा लिखा गया ये पारिवारिक नाटक एक माँ  और पत्नी, सुधा (रीमा लागू) के बारे में है, जो अपने बच्चों और पति के प्रति जीवन भर समर्पित रहने के  बाद भी उपेक्षित रहती है और फिर एक दिन  अपने पारिवारिक कर्तव्यों से सेवानिवृत्त होने का फैसला करती है। जैसे ही वह ऐसा करती है, हर सदस्य को उसके श्रम के मूल्य का एहसास होना शुरू हो  जाता  है । टेलीप्ले उन लाखों  गृहणियों के प्रति  एक शक्तिशाली श्रद्धांजलि है, जो कभी कभी  सम्मान और  प्रशंसा के बिना भी अथक रूप से काम करती  रहती  हैं। सुमन मुखोपाध्याय द्वारा निर्देशित इस नाटक में  यतिन कार्येकर, सचिन देशपांडे, श्वेता मेहंदले, संकेत फाटक, मानसी नाइक, रुतुजा नागवेकर और संदेश कुलकर्णी भी हैं।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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