जीवन शैली में तबदीली और तनाव महिलाओं में बांझपन का सबसे बड़ा कारण : डा. पूजा मेहता

Monday, Dec 06, 2021 - 02:46 PM (IST)

चंडीगढ़,  (पाल):इंडियन सोसायटी फॉर असिस्टेड रिप्रोडक्शन (आई.एस.ए.आर.) की चंडीगढ़ शाखा द्वारा आई.एस.ए.आर. की राष्ट्रीय इकाई के सहयोग से ‘इनफर्टिलिटी-सर्विलांज एंड टर्विलज’ विषय पर कांफ्रैंस करवाई, जिसमें चंडीगढ़ के अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, मुंबई, पूणे, भोपाल तथा लखनऊ से करीब 150 डाक्टरों ने हिस्सा लिया।
  कांफ्रैंस दौरान आई.एस.ए.आर. की चंडीगढ़ इकाई की सचिव डा. पूजा मेहता ने कहा कि महिलाओं के जीवन में बढ़ रहे तनाव के कारण हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिस कारण बांझपन की समस्या आती है, इसके अलावा शराब, धूम्रपान तथा नशीले पदार्थों के प्रयोग तथा व्यायाम की कमी के कारण बांझपन की समस्या आती है। आई.एस.ए.आर. के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रकाश त्रिवेदी ने कांफ्रैंस की अध्यक्षता करते हुए कहा कि महिलाओं को लगातार अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए। 

 

पुरुष भी बराबर के जिम्मेदार 
आई.एस.ए.आर. की चंडीगढ़ इकाई की अध्यक्ष डॉ. गुलप्रीत बेदी ने कहा कि महिलाओं में टयूबें बंद होना, तपदिक जैसे संक्रमण वाली बीमारियां, उवरी का कमजोर होना तथा बच्चेदानी का संक्रमण बांझपन के मुख्य कारण हंै। उपाध्यक्ष डॉ. निर्मल भसीन ने बांझपन के कानूनी पक्षों पर प्रकाश डाला, जो मैडीकल समस्याओं के साथ जुड़े हुए हैं। संस्था के राष्ट्रीय सचिव डॉ. केदार गनला ने कहा कि बांझपन के लिए अकसर महिलाओं को जिम्मेदार समझा जाता है, पर पुरुष भी बराबर के जिम्मेदार होते हैं,क्योंकि कई बार उनमें शुक्राणुओं की कमी होती है। इस कांफ्रैंस में चंडीगढ़ शाखा से संस्था की कोषाध्यक्ष डॉ. रिम्मी सिंगला, ज्वाइंट सचिव डा. परमिंदर सेठी तथा लाइब्रेरियन डा. सुनीता चंद्रा ने भी शिरकत की।

Vikash thakur

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