4 साल बाद फिर से लीज होल्ड प्रापर्टी हो सकेगी फ्री होल्ड, मिल सकेगा मालिकाना हक

Saturday, Aug 19, 2017 - 09:24 AM (IST)

चंडीगढ़(राय) : शहर की सभी रिहायशी लीज-होल्ड प्रापर्टी को अब फ्री-होल्ड करवाया जा सकेगा। लगभग 4 साल बाद फिर से शहर में रिहायशी लीज-होल्ड प्रापर्टी को फ्री-होल्ड करवाने का रास्ता खुल गया है। चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने रिहायशी लीज-होल्ड प्रापर्टी को फ्री होल्ड में बदलने कराने की मंजूरी दे दी है और सप्ताह के भीतर अंदर कन्वर्जन चार्जेस की अधिसूचना जारी होने के बाद शहर के लोग अपनी लीज होल्ड प्रापर्टी को फ्री होल्ड प्रापर्टी में बदलने के लिए आवेदन कर सकेंगे। 

 

चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने शुक्रवार को यू.टी. गैस्ट हाउस में पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। इस फैसले से शहर के 30 हजार से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा। खेर ने कहा की हालांकि अभी इंडस्ट्रियल प्रापर्टी  को लीज-होल्ड से फ्री होल्ड में तब्दील कराने की मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि अब उनका अगला प्रयास इंडस्ट्रियल प्रापर्टी के लिए होगा। 

 

शहर में रिहायशी प्रापर्टी को फ्री होल्ड में बदलने के लिए 1996 के द चंडीगढ़ कन्वर्जन ऑफ रैजीडेंशियल लीज-होल्ड लैंड टेन्योर इनटू फ्री होल्ड लैंड टेन्योर रूल्स लागू होंगे। इसके तहत लंबे समय से मालिकाना हक देने की मांग भी पूरी हो जाएगी। खेर ने कहा कि जब भी वह किसी कालोनी या मौलीजागरां में जाती थी उनसे यही मांग की जाती थी कि लोगों को मालिकाना हक मिल जाए। 

 

डिप्टी मेयर अनिल दूबे ने खेर का धन्यवाद करते हुए कहा कि मालिकाना हक देने की मांग पूरी होने से हजारों लोगों को लाभ मिलेगा। पार्षद देवेश मौदगिल व हीरा नेगी ने खेर का आभार जताया। एल.आई.जी., एम.आई.जी., एच.आई.जी., ई.डब्लू.एस., चीप हाऊसिज के कन्वर्जन चार्जेस को जमीन के दाम में हुई वृद्धि प्रो-राटा के आधार पर तय की जाएगी। एक नया फंड अर्बन डिवैल्पमैंट फंड क्रिएट होगा जिसमे कन्वर्जन चार्जेस जमा होंगे। खेर पिछले दो सालों से लगातार इस मांग को पूरा कराने के प्रयास कर रही थीं। 

 

2013 से लगी है रोक :
शहर में रैजिडेंशियल प्रापर्टी को लीज होल्ड से फ्री-होल्ड करने पर भी पिछले 3 साल से अघोषित रोक लगी हुई है। प्रशासन के अफसरों ने वर्ष 2013 में यह कहकर रैजिडेंशियल प्रॉपर्टी को फ्री-होल्ड करने पर रोक लगा दी थी कि प्रशासन इसके लिए नया रेट तय कर रहा है। शहर में हाऊंसिंग बोर्ड,हाउसिंग सोसाइटियों के फ्लैट्स सहित 50 हजार से अधिक लीज होल्ड रैजिडेंशियल प्रॉपर्टीज है। प्रशासन ने एम.एच.ए. को पत्र भेजकर स्पष्ट किया था कि लंबे समय से नया रेट फिक्स नहीं हो सका है। 

 

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड और एस्टेट आफिस वर्ष 2013 तक रैजिडेंशियल प्रापर्टी को फ्री होल्ड कर रहे थे। हाउसिंग बोर्ड के 95 परसेंट फ्लैट्स शहर में लीज होल्ड है। लीज होल्ड प्रापर्टी को फ्री होल्ड करने के लिए 1710 रुपए प्रति वर्ग गज के हिसाब से कन्वर्जन फीस ली जा रही थी। लीज मनी 99 साल के लिए देनी होती है। पहले 33 सालों के लिए 2.5 प्रतिशत, आगामी 33 सालों के लिए 3.75 प्रतिशत तथा उसके बाद के 33 सालों के लिए 5 प्रतिशत लीज मनी देनी पड़ती है। शहर में 10 करोड़ में खरीदी गई कमर्शियल प्रापर्टी पर 2.5 प्रतिशत के हिसाब से हर साल 25 लाख रुपए लीज मनी देनी पड़ती है। ऐसे में दो लाख रुपए महीना खरीददार का खर्च बढ़ जाता है। 

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