ट्यूबवैल कनैक्शन देना कभी बंद नहीं किया : मनोहर लाल

punjabkesari.in Thursday, Jun 10, 2021 - 07:01 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): हरियाणा के विपक्षी दलों द्वारा ट्यूबवैल कनैक्शन बंद करने के आरोप पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पटलवार करते हुए कहा कि ट्यूबवैल कनैक्शन देना कभी बंद नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। इन कदमों के तहत उन क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप इरीगेशन सिस्टम) को बढ़ावा दिया जा रहा है, जहां जल स्तर 100 फुट से नीचे है। सूक्ष्म सिंचाई के लिए किसानों को 85 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में भूजल स्तर 100 फुट से कम है, वहां के किसानों को राज्य सरकार ट्यूबवैल कनैक्शन प्रदान करेगी और अधिक गहराई वाले भूजल क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह बातें 1100 करोड़ रुपए से अधिक की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के दौरान कही।
मनोहर लाल ने कहा कि जिन किसानों के पास 15 बी.एच.पी. (ब्रेक हॉर्स पावर) की ट्यूबवैल मोटर है, उन्हें ट्यूबवैल कनैक्शन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। 


‘सभी विधानसभा क्षेत्रों का समान विकास सुनिश्चित किया’
मनोहर लाल ने आज यहां वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में कहा कि ‘पिछले 7 वर्षों से राज्य सरकार हरियाणा को तेजी से विकास पथ पर आगे बढ़ाने की दिशा में समॢपत रूप से कार्य कर रही है। इन विकास परियोजनाओं के साथ निश्चित रूप से हरियाणा सरकार की उपलब्धियों में एक नया अध्याय जुड़ गया है। एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न परियोजनाओं के किए गए उद्घाटनों एवं शिलान्यासों को भी हरियाणा के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। ‘हरियाणा एक, हरियाणवी एक’ के मूलमंत्र पर विश्वास करते हुए सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों का समान विकास सुनिश्चित किया है। 


‘अनूठी पहल करने में हरियाणा एक रोल मॉडल बन गया है’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा क्रियान्वित की गई कई योजनाओं के मामले में हरियाणा अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल बन गया है। विशेष रूप से हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के गांवों को ‘लाल डोरा’ से मुक्त करने के लिए शुरू किए गए अभियान को बाद में केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के रूप में अपनाया गया। 


‘शिकायतों के समाधान के लिए विवादों से समाधान’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों द्वारा उठाई गई हर एक शिकायत को दूर करने के लिए ‘विवादों से समाधान’ नामक अपनी तरह की एक पहली योजना शुरू की गई, जिसका उद्देश्य प्रत्येक विभाग के लंबे समय से लंबित विवादों को हल करना है। मनोहर लाल ने कहा कि ‘भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरैंस को अपनाते हुए पेपरलैस, फेसलैस और पारदर्शी शासन सुनिश्चित करने के लिए हर विभाग के कामकाज को डिजिटलाइज्ड किया गया। उन्होंने कहा कि पूरे हरियाणा में मंडी व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मनोहर लाल ने कहा कि ‘गन्नौर में अंतर्राष्ट्रीय बागवानी मंडी की स्थापना पर लगभग 7000 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है।’ 


‘कोविड-19 को अवसर में बदलना’
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि जब मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास वर्चुअली किया हो, इससे पहले भी कोविड-19 की अभूतपूर्व चुनौती के बावजूद मुख्यमंत्री ने हरियाणा को तेजी से विकास पथ पर अग्रसर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि 21 मार्च, 2021 को राज्य के लोगों को 1411 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का तोहफा दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में मार्च में राज्य के लोगों को लगभग 4,000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं समॢपत की गई और अक्तूबर 2020 में 1850 करोड़ रुपए की 306 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। 


‘केंद्र ने फसलों के एम.एस.पी. को बढ़ाने का एक अनिवार्य नियम बनाया है’
मुख्यमंत्री ने खरीफ फसलों का एम.एस.पी. बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से निश्चित रूप से किसानों को अधिक लाभ कमाने में मदद मिलेगी। मनोहर लाल ने कहा कि पिछले 2 वर्षों से प्रधानमंत्री ने बुवाई के मौसम से पहले ही फसलों के एम.एस.पी. को बढ़ाने का एक अनिवार्य नियम बनाया है ताकि किसानों के पास लाभदायक फसलों को चुनने का विकल्प हो।


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News Editor

Vikash thakur

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