एल.पी.जी. क्रेमटोरियम से होगा लावारिस शवों का संस्कार

punjabkesari.in Tuesday, Apr 23, 2019 - 12:42 PM (IST)

चंडीगढ़(सुशील): शहर में मिलने वाले लावारिस शवों का संस्कार अब लकडिय़ों पर नहीं होगा। यह आदेश पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नगर निगम  को जारी किया है। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि लावारिस शवों का संस्कार अब सिर्फ एल.पी.जी. क्रेमटोरियम में किया जाए। आदेश मिलते ही लावारिस शवों का संस्कार  करने वाले ऑल इंडिया सेवा समिति चंडीगढ़ के सेवादार मदनलाल बशिष्ठ ने सात लावारिश शवों का संस्कार एल.पी.जी. क्रेमटोरियम से किया। उन्होंने  बताया कि एल.पी.जी. क्रेमटोरियम से संस्कार करने से वातावरण कम दूषित होता है। 

 26 फरवरी को हाईकोर्ट में हुई थी सुनवाई
लावारिस शवों का संस्कार लकडिय़ों की बजाय एल.पी.जी. क्रेमटोरियम पर करने को लेकर 26 फरवरी को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। हाईकोर्ट ने  सुनवाई के दौरान नगर निगम को आदेश दिया था कि लावारिस शवों का संस्कार अब लकड़ी से नहीं किया जाएगा। लावारिस शवों का संस्कार अब एल.पी.जी. क्रेमटोरियम पर किया जाए। नगर निगम को आदेश मिलते ही उन्होंने लावारिस शवों का संस्कार करने वाली संस्था ऑल इंडिया सेवा समिति को पत्र लिखकर शवों का संस्कार एल.पी.जी. क्रेमटोरियम पर करने को कहा। 

शाम तीन से पांच बजे तक होगा संस्कार 
समिति के सेवादार ने नगर निगम को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें लावारिस शवों का संस्कार करने का समय तीन से पांच बजे तक दिया जाए। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम करवाने को लेकर कानूनी कार्रवाई करते ही दोपहर हो जाती है इसलिए शवों का संस्कार का समय तीन से पांच बजे करने का दिया जाए। नगर निगम ने मदनलाल की रिक्वैस्ट को मान लिया और अब लावारिश शव का संस्कार शाम तीन से पांच बजे  तक होने लगा। 

61 लावारिस शवों का हो चुका है संस्कार
ऑल इंडिया सेवा समिति के सेवादार मदनलाल ने बताया कि एक जनवरी से 20 अप्रैल 2019 तक 61 लावारिश शवों का संस्कार हो चुका है। यह शव पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में मिले थे। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद एल.पी.जी. क्रेमटोरियम से 7 शवों का संस्कार किया है। 

शहर में 5 साल में मिल चुके हैं 403 लावारिस शव 
पुलिस के आकड़ों के मुताबिक पांच साल में 403 लावारिस शव चंडीगढ़ में बरामद हुए हैं। प्रशासन हर बार बेघर लोगों के लिए नाइट शैल्टर बनाता है लेकिन इसके बावजूद सर्दियों में ऐसे लोग मौत का शिकार हो जाते हैं। पुलिस विभाग के आकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा लावारिस शव मिले। पुलिस को कुल 105 शव मिले। वर्ष 2014 में 53, 2015 में 77, 2016 में 74 और 2017 में 94 शव मिले हैं। पुलिस विभाग उन्हें मार्चरी में रखवाकर उनकी पहचान करवाने की कोशिश करती है। पहचान के लिए अखबारों में विज्ञापन भी दिया जाता है। जब कोई वारिस नहीं आता तो पुलिस लावारिस शवों के संस्कार के लिए एन.जी.ओ. की सहायता लेती है। ज्यादातर शवों का संस्कार ऑल इंडिया सेवा समिति के मदनलाल बिष्ट करते हैं।


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bhavita joshi

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