फसलों के अवशेष के निपटारे के लिए ‘सरफेस सीडर’ पर मिलेगी सबसिडी
punjabkesari.in Thursday, Aug 24, 2023 - 09:40 PM (IST)

चंडीगढ़,(हरिश्चंद्र): ‘सरफेस सीडर’ के पायलट प्रोजैक्ट के नतीजों पर संतोष जाहिर करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फसलों के अवशेष का प्रबंध बेहतर ढंग से करने के लिए वातावरण अनुकूल ‘सरफेस सीडर’ पर सबसिडी देने के लिए हरी झंडी दे दी है। पंजाब कृषि यूनिवॢसटी की तरफ से विकसित की इस तकनीक को फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम (सी.आर.एम.) में शामिल किया गया है।
इस नई विकसित की तकनीक पर 50 प्रतिशत सबसिडी देने का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव सतौज (संगरूर) में लागू किए पायलट प्रोजैक्ट के नतीजों को देखते हुए सरफेस सीडर की तकनीक फसलों के अवशेष का प्रबंध करने के लिए कारगर सिद्ध हुई जिस कारण राज्य सरकार ने अब इस सीडर को सी.आर.एम. में शामिल करने का फैसला लिया है जिससे किसानों को यह मशीन सबसिडी पर मुहैया करवाई जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि 80,000 रुपए की कीमत वाली इस मशीन पर 50 प्रतिशत सबसिडी मिलेगी जिससे किसानों को इस मशीन के लिए 40,000 रुपए ही खर्च करने पड़ेंगे।
कृषि अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने फसलों के अवशेष के निपटारे के लिए कृषि विभाग और पंजाब कृषि यूनिवॢसटी के प्रयत्नों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पी.ए.यू. ने सरफेस सीडर को सी.आर.एम. स्कीम में शामिल करने की सिफारिश की थी। उन्होंने बताया कि स्कीम के अंतर्गत यह मशीनरी सप्लाई करने के लिए मैन्युफैक्चरों को सूचीबद्ध करने का कार्य भी पी.ए.यू. द्वारा किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर किसान/ प्राथमिक कृषि सहकारी सभाएं/ रजिस्टर्ड किसान ग्रुप/ फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन/ पंचायतें सी.आर.एम. मशीनें खरीदने और कस्टम हायरिंग सैंटर बनाने के लिए अप्लाई कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्कीम के अंतर्गत सुपर एस.एम.एस., सुपर सीडर, स्मार्ट सीडर, हैप्पी सीडर, जीरो टिल्ल ड्रिल, पैडी स्ट्रा चौपर/ शरैडर/ मलचर, प्लो, शरब्ब मास्टर/रोटरी सलैशर, रीपर, बेलर मशीन की कीमत या भारत सरकार के मापदंडों के मुताबिक तय की अधिकतम कीमत पर 50 प्रतिशत सबसिडी दी जाती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कस्टम हायरिंग सैंटर 15 लाख रुपए के निवेश के साथ स्थापित किया जा सकता है और इस सैंटर के लिए 80 प्रतिशत सबसिडी पर मशीनें खरीदी जा सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि फसलों के अवशेष के निपटारे के लिए 152300 मशीनों के लिए अब तक कुल 65421 आवेदन प्राप्त हुए हैं और फसलों के अवशेष को जलाने की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बड़े स्तर इकट्ठी होती फसलों के अवशेष संबंधी बुनियादी ढांचे को स्थापित और मजबूत करने, गट्ठें बांधने, ढुलाई और भंडारण की सहूलियतों के साथ-साथ भंडारण सहूलियतें कायम की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अलग-अलग उद्योगों में फसलों के अवशेष का प्रयोग करने के लिए कदम उठाए हैं जिनमें बायोमास ऊर्जा की पैदावार वाले यूनिटों, थर्मल प्लांटों में बायो को-फायरिंग, बायो-सी.एन.जी. और बायो-ईथानौल आदि शामिल हैं। भगवंत सिंह मान ने राज्य भर में जल्द किसान मेलों की आगे कड़ी शुरू करने का ऐलान किया।