एक बार फिर लीड रोल में किरण, भाजपा ने खेर को बनाया अपना प्रत्याशी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 24, 2019 - 08:04 AM (IST)

चंडीगढ़(राय) : चंडीगढ़ लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर सांसद किरण खेर को अपना प्रत्याशी बनाया है। चंडीगढ़ में 7वें चरण में 19 मई को मतदान होगा। वैसे तो चंडीगढ़ संसदीय सीट पर कांग्रेस और बी.जे.पी. दोनों का ही प्रभाव रहा है। 

चंडीगढ़ में भाजपा टिकट को लेकर कई दिन से अटकलें चल रही थी। हालांकि यहां से पार्टी टिकट के तीन प्रमुख दावेदार, अध्यक्ष संजय टंडन, पूर्व सांसद सतपाल जैन व किरण खेर का नाम चुनाव समिति द्वारा हाईकमान को भेजा गया था। मंगलवार देर शाम पार्टी ने पंजाब के दो प्रत्याशियों के साथ ही किरण खेर को भी चंडीगढ़ से पुन: मैदान में उतारने की विधिवत घोषणा की गई।

कांग्रेस-भाजपा में सीधा मुकाबला :
चंडीगढ़ में वर्ष 2014 में आप प्रत्याशी गुल पनाग ने मुकाबले को तिकोना बना दिया था, अन्यथा चंडीगढ़ में परंपरागत रूप से कांग्रेस व भाजपा ही आमने-सामने होते हैं। इस बार भी मैदान में आप, बसपा, चंडीगढ़ की आवाज व वामपंथी दल के प्रत्याशी मैदान में हैं लेकिन मुकाबला फिर कांग्रेस और भाजपा में ही होने वाला है। वर्ष 2014 में किरण खेर ने कांग्रेस के पवन बंसल को हराया था। खेर को 42.20 फीसदी मत मिले थे व उन्हें कुल 1,91,362 वोट मिले थे। 

कांग्रेसी उम्मीदवार पवन कुमार बंसल को 26.84 फीसदी मत मिले थे व उन्हें कुल 1,21,720 वोट हासिल हुए थे। तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार अभिनेत्री गुल पनाग रही थीं, जिन्हें 1,08,679 वोट मिले थे। इससे पहले वर्ष 2009 में चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पवन कुमार बंसल को जीत मिली थी। बंसल ने भाजपा उम्मीदवार सत्यपाल जैन को 58,967 वोटों से हराया था। बसपा के हरमोहन धवन तीसरे नंबर पर रहे थे। 

6,19,249 मतदाता करेंगे भाग्य का फैसला :
चुनाव आयोग के मुताबिक साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान चंडीगढ़ में कुल मतदाताओं की संख्या 8,57,343 थी। लेकिन इस बार 2.38 लाख घटकर 6,19,249 मतदाता बचे हैं। इस बार वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की संख्या में हुई है। 2014 में यहां वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की संख्या 61,868 थी, जो अब बढ़कर 83,952 हो गई है।

सबको साथ लेकर चलना बड़ी चुनौती :
सांसद किरण खेर का जन्म 14 जून, 1955 को बैंगलुुरू में हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय के इंडियन थिएटर विभाग से पढ़ाई की। 1985 में किरण ने अभिनेता अनुपम खेर से शादी की। वह 16वीं लोकसभा में गृह मामलों की स्थायी समिति की सदस्य हैं। अपने कार्यकाल के दौरान किरण खेर ने लोकसभा में 37 परिचर्चाओं में हिस्सा लिया और 251 सवाल पूछे। किरण खेर लोकसभा में एक प्राइवेट मैंबर बिल भी पास करवाने में सफल रही थीं। 

खेर के लिए शहर में सबसे बड़ी चुनौती होगी धड़ों में बिखरी पार्टी को एक साथ लेकर चलना। उनके लिए मुश्किल यह भी रहेगी कि कांग्रेस व अन्य दलों के प्रत्याशियों की घोषणा पहले ही हो चुकी है और उनका प्रचार भी चरम सीमा पर है। अपने कार्यकाल के चार वर्षों में तो वह भाजपा कार्यालय में विशेष समारोहों में ही दिखाई दी। पिछले कुछ माह से वह चंडीगढ़ भाजपा मुख्यालय में ओपन दरबार भी लगा रही थी।

पार्टी में किसी से रंजिश नहीं :
भाजपा हाईकमान की ओर से किरण खेर को एक बार फिर चंडीगढ़ के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतारने की खबर मिलते ही उन्हें घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। किरण ने इस मौके पर कहा कि शहर के विकास को पहले भी प्राथमिकता दी गई और अब इससे डबल काम होगा। 

उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी प्रकार की किसी से कोई रंजिश नहीं है। उन्होंने दावा किया कि चंडीगढ़ की सीट को पिछले बार की तुलना में ज्यादा अंतर से जीता जाएगा। उन्होंने कहा कि वह हरमोहन धवन की आज भी बहुत इज्जत करती हैं और पार्टी अलग होने से उनसे भी मुकाबला होगा। 

टंडन मेरे बड़े भाई : खेर
किरण खेर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन के घर में उनसे मिलने गईं और उन्हें फिर अपना बड़ा भाई कहा। टंडन ने भी खेर को बधाई दी व कहा कि पूरी पार्टी उनके साथ खड़ी है। हालांकि टंडन किाफी निराश नजर आ रहे थे। वह खेर को घर के मुख्य द्वार के आगे छोडऩे के लिए भी नहीं गए।


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Priyanka rana

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