तीसरी गोली न चूकती तो चली जाती जान : फाइनांसर करन

punjabkesari.in Friday, Feb 24, 2017 - 11:08 AM (IST)

चंडीगढ़(संदीप) : तीसरी गोली न चूकती तो सीधे सीने में जाकर लगती और जान निकल जाती। रात की वारदात इतनी भयानक थी की लगा जान चली गई। यह कहना है पी.जी.आई. में उपचाराधीन फाइनांसर करन सिंह उर्फ पहलवान (40) का। गत रात बुडैल में अपने उपर किए गए हमले को लेकर उन्होंने बताया कि उनकी किस्मत थी कि बच गया वरना हमलावारों ने जान से मारने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। 

 

करन ने जानलेवा हमले का कारण पुलिस विभाग में तैनात उसके ही मूल गांव पानीपत के रहने वाले एक कांस्टेबल के साथ अपनी निजी दुश्मनी को बताया है। कर्ण का आरोप है कि उस कांस्टेबल ने गांव मे रहने वाले अपने भतीजों से उस पर यह जानलेवा हमला करवाया है। करन ने बताया कि वह उस पर हमला करने वाले किसी भी हमलावर को नहीं जानता पर सामने आने पर पहचान सकता है। सैक्टर-34 थाना पुलिस ने कर्ण सिंह के बयानों पर जांच शुरू कर दी है।

 

सूत्रों की मानें तो पुलिस को यहां स्थित एक होटल के बाहर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरे की फुटेज मिली है जिसमें तीनों आरोपी वारदात के बाद हथियार लहराते फरार होते दिख रहे हैं। हमलावरो की पहचान करने के लिए पुलिस वारदात स्थल का डंप डाटा भी खंगाल रही है वही सैक्टर-34 थाना पुलिस ने मामले में अज्ञात हमलावरो के खिलाफ हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दुश्मनी का एंगल देखते हुए पुलिस टीमें पानीपत रवाना हो चुकी है। 

 

आप्रेशन से निकाली जाएंगी गोलियां :
बुधवार रात करन को सैक्टर-32 अस्पताल से पी.जी.आई. रैफर कर दिया था। वीरवार सुबह तक करन को ट्रोमा सैंटर से एमरजैंसी वार्ड में शिफ्ट किया गगया। डाक्टरो के अनुसार जल्द उसके दाहिनी बाजू और बाएं पैर का आप्रेशन कर गोलियां निकाली जाएंगी। उसके पैर में एक और बाजू मे एक गोली लगी है जो बाजू और पैर के अंदर ही है। 

 

बचाने के लिए कोई नहीं आया आगे :
कर्ण ने बताया कि वह बुधवार रात करीब 9.30 बजे दुकानों से पैसे एकत्रित करने निकला था। वह कुछ दूर चला था कि अचानक उसके पैर में जोरदार वार हुअ। इसके बाद अचानक उसके सिर की पिछले हिस्से मे वार किया। पलट कर देखा तो पिछे खडे युवक ने दुनाली के बट से वार किया था। और उसके साथ हाथ में पिस्टल लिए 2 अन्य साथी भी थे। यह देख वह तुरंत भाग निकला। भागते हुए उने जब पैर से खून निकलते हुए देखा तो उसे पता चला कि पैर में गोली मारी गई है। 

 

हमलावरों से बचने के लिए वह करीब 600 से 700 मीटर दौड़ा था और फिर एक टेलर की दुकान के आगे जा गिरा। कुछ समय में हमला वर उसके पास पहुंचे व फिर एक युवक ने एक गोली उसके दाहिने हाथ में मारी। गोली लगने के बाद खुद को बचाने के लिए टेलर की दुकान में काऊंटर के पीछे छिप गया। तीनों हमलावर उसके पीछे दुकान में जा घुसे। इसके बाद युवक ने फिर से उसके सीने पर गोली चलाई लेकिन उसका निशान चूक गया व गोली उसे नहीं लगी। शोर मचाने पर दुकान के बाहर लोगों को एकत्र होते देख हमलावर शायद यह सोच कर फरार हो गए कि गोली उसके सीने मे लगी है और वह अब नहीं बचेगा। 


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