JP ही चलाएगा गार्बेज प्लांट

Wednesday, Jul 12, 2017 - 10:53 AM (IST)

चंडीगढ़(राय) : नगर निगम व डड्डूमाजरा में जे.पी. एसोसिएट्स द्वारा स्थापित गार्बेज प्रोसैसिंग प्लांट के मध्य चल रहे विवाद की सुनवाई के दौरान आज नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) में निगम सदन द्वारा लिया गया फैसला औंधे मुंह गिर गया। 

 

निगम सदन की विशेष बैठक में जे.पी. एसोसिएट्स के विरुद्ध निगम ने जो निर्णय लिया था उसे एन.जी.टी. ने मानने से साफ इंकार करते हुए कह दिया कि जो फैसला होगा, वह एन.जी.टी. का होगा। आज हुई सुनवाई के दौरान एन.जी.टी. की तीन सदस्यीय बैंच ने न तो सदन में लिए गए निर्णय को माना, न ही निगम द्वारा प्लांट प्रबंधकों को मशीनें उठाने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध माना। आज एन.जी.टी. ने जे.पी. एसोसिएट्स द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद फैसला दिया कि प्लांट प्रबंधन शहर का पूरा कचरा लेगा व अगले 9 महीने में नया कम्पोस्ट प्लांट लगाएगा। 

 

कम्पोस्ट प्लांट लगाएगा जे.पी. :
प्लांट प्रबंधन द्वारा 500 रुपए प्रति टन की दर से मांगी गई टिप्पिंग फीस के संबंध में एन.जी.टी. का कहना है कि इसका फैसला ऑॢबट्रेटर करेगा जिसकी नियुक्ति दोनों पक्षों की सहमति से होगी। जे.पी. एसोसिएट्स के महाप्रबंधक मनोज गौर ने एन.जी.टी. को आश्वासन दिया कि वे संयंत्र के उन्नयन के लिए तैयार हैं और 12 करोड़ रुपए की लागत से तीन महीने के भीतर कम्पोस्ट संयंत्र स्थापित करेंगे। उनका कहना था कि इसके लिए निगम व प्लांट प्रबंधकों की एक समिति गठित की जाएगी और अगर अगले छह महीनों में संयंत्र का काम संतोषजनक नहीं होगा तो संयंत्र को 1 रुपए की लागत से निगम को सौंप दिया जाएगा। एन.जी.टी. की 18 जुलाई होने वाली सुनवाई के दौरान इस संबंध में लिखित प्रस्ताव लाने के लिए जे.पी. को निर्देश दिया।  

 

निगम ने कर दिया था ब्लैक लिस्ट :
गत माह डड्डूमाजरा के गारबेज प्लांट के संबंध में निर्णय लेने के लिए निगम सदन की विशेष बैठक बुलाई गई थी। बैठक में सभी पार्षदों ने एक मत से न केवल वर्ष 2005 में उक्त प्लांट को लगाने के लिए जे.पी. से हुए करार को रद्द कर दिया था, साथ ही भविष्य में इस कंपनी के साथ कोई काम न करने का भी निर्णय लिया था। सदन ने तो जे.पी. एसोसिएट्स को ब्लैकलिस्ट करने की भी सिफारिश की थी। 

 

एन.जी.टी. में पिछले दिनों हुई सुवाई के दौरान दिए गए आदेशों के अनुसार आज सुनवाई पर निगमायुक्त बी. पुरुषार्थ, मेयर आशा जसवाल तथा कांग्रेस पार्षद दविंद्र सिंह बबला भी दिल्ली में मौजूद थे। इससे पहले नगर निगम के वकील ने मांग की कि प्लांट का कब्जा निगम को सौंपा जाए, क्योंकि वह लगभग बंद है। पिछले सप्ताह शहर के मेयर आशा जायसवाल की अध्यक्षता वाली 8 सदस्यीय समिति की बैठक में कचरा प्रसंस्करण संयंत्र मंगल एनर्रोटेक लिमिटेड, लालड़ू को 600 टन प्रति टन की दर से 300 टन कचरा भेजने का फैसला किया गया था।

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