अधिक किराया होने से झरोखा कोच को नहीं मिल रहे पर्यटक

punjabkesari.in Monday, May 20, 2019 - 01:36 PM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : समर सीजन शुरू होते ही अंबाला मंडल ने झरोखा कोच के किराए को कम करने के लिए रेलवे बोर्ड दिल्ली को पत्र लिखा है। क्योंकि झरोखा कोच का अधिक किराया होने से पर्यटकों की ओर से ज्यादा पसंद नहीं किया जा रहा है। ऐसे में रेलवे की ओर से तैयार किया गया झरोखा कोच धूल फांक रहा है। 

झरोखा में 8 सिटों की जगह है और इसका किराया करीब 40 हजार रुपए तय किया है। ऐसे में पर्यटकों की ओर से झरोखा कोच को पसंद नहीं किया जा रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों के रिकॉर्ड देखा जाए तो झरोखा कोच की बुकिंग नाम मात्र है। जबकि रेल मोटर कार पयर्टको की पहली पसंद है। ऐसे ही पर्यटकों की ओर से हनीमून कोच की भी मांग अधिक होती है।

  कालका-शिमला के बीच ये चलती हैें ट्रेनें
ट्रेन का नाम                   सीट    बुकिंग राशी
झरोखा कोच                    8      40 हजार 
रेल मोटर कार                 14    30 हजार 
रेल मोटर कार                  8    30 हजार    
शिवालिक पैलेस कोच      10     40 हजार 
शिवालिक हनीमून कोच    8     15 हजार

विस्टाडोम कोच की बढ़ रही मांग :
रेलवे की ओर से कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर शुरू की गई विस्टाडोम कोच की मांग अधिक बढ़ कई है। जिसके कारण रेलवे की ओर से इस कोच बढ़ाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। रेलवे की ओर से इस रूट पर चलाने के लिए विस्टाडोम कोच पर तकरीबन 11.40 करोड़ रुपए खर्च करके 10 और कोच तैयार कर रहे हैं। 

पूरे सीजन में 5 बार ही चली झरोखा :
पिछले साल में 2016 के समर सीजन में झरोखा की बुकिंग सिर्फ 5 बार ही हुई थी। लेकिन इसके मुकाबले अन्य कोचों की बुकिंग इससे अधिक हुई है। जानकारी अनुसार रेल मोटर कार की बुकिंग तकरीबन सबसे अधिक होती है। जबकि दूसरे नंबर पर शिवालिक हनीमून कोच भी विदेशी पर्यटकों को काफी पंसद है। आंकाड़ों की बात की जाए तो 2017 में झरोखा कोच सिर्फ 4 बार तथा 2018 में 6 बार बुक हुआ है।


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Priyanka rana

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