कराधान विभाग ने 48 करोड़ की कर चोरी के मामले में 4 लोग किए गिरफ्तार

punjabkesari.in Monday, Jan 30, 2023 - 08:50 PM (IST)

चंडीगढ़,(रमनजीत): आबकारी एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा द्वारा कर चोरी के खिलाफ जीरो टॉलरैंस नीति आपनाने को सुनिश्वित बनाने के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए कराधान विभाग, पंजाब के जी.एस.टी. विंग ने कर चोरी करने वालों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 व्यक्तियों को 48 करोड़ रुपए की जी.एस.टी. धोखाधड़ी के मामले में जालंधर से गिरफ्तार किया है। यह व्यक्ति कथित रूप से लोहे के स्क्रैप से सम्बन्धित फर्जी फर्में चला रहे थे और इन्होंने असली माल की सप्लाई किए बिना ही केवल इनवॉइस जारी करके धोखे से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आई.टी.सी) का दावा करने के लिए जी.एस.टी रजिस्ट्रेशंस प्राप्त की हुई थीं।  

 

 

 


कराधान विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि पंकज कुमार उर्फ पंकज आनंद को कथित रूप से मैसर्ज पी.के. ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज गगन ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज कृश ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज बालाजी ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज कृश एंटरप्राइजिज और मैसर्ज पंकज स्क्रैप कंपनी, रविन्दर सिंह को मैसर्ज गुरू हरराय ट्रेडिंग कंपनी, गुरविन्दर सिंह को मैसर्ज शिव शक्ति एंटरप्राइजिज और अमृतपाल सिंह को कथित रूप से मैसर्ज नॉर्थ वोग चलाने के दोष में गिरफ्तार किया गया था और मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था, जिसके उपरांत इनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि चारों मुलजिम जालंधर के रहने वाले हैं।  प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारियों द्वारा मैसर्ज पी.वी. इंटीरियर डेकोर, जालंधर के बारे में प्राथमिक जांच की गई थी, जिससे जांच को आगे बढ़ाते हुए मैसर्ज दसमेश ट्रेडिंग कंपनी, जालंधर, मैसर्ज गुर हरराय ट्रेडिंग कंपनी, जालंधर, कृश ट्रेडिंग कंपनी, जालंधर, मैसर्ज शिव शक्ति एंटरप्राईज़, जालंधर, मैसर्ज बालाजी ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज पंकज स्क्रैप कंपनी, जालंधर, गगन ट्रेडिंग कंपनी और मैसर्ज नॉर्थ वौग कंपनी, जालंधर की जांच की गई। यह सभी फर्में नकली गैर-कार्यशील फर्मों के गठजोड़ में शामिल थी, जिन्होंने धोखाधड़ी से आई.टी.सी. का लाभ उठाया।  

 

 


यह लोग केवल लोहे और प्लास्टिक के स्क्रैप का व्यापार दिखा रहे थे और इसके बदले वह स्कूटरों, मोटरसाइकिलों, कारों, वैनों, ट्रैक्टरों और बिना रिकॉर्ड वाले फर्जी वाहनों के लिए नकली इनवॉयस और नकली ई-वे बिल तैयार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नकली आई.टी.सी. बनाकर यह व्यक्ति उसी नकली आई.टी.सी को अंतिम करदाता की जगह उनको मुहैया करवा रहे थे जो अपनी कर अदायगियां और देनदारियों को अदा करने की बजाय इस नकली आई.टी.सी. के साथ एडजस्ट करवा कर सरकारी खजाने की चोरी कर रहे थे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Ajay Chandigarh

Recommended News

Related News