राहुल गांधी के पंजाब छोड़ते ही मनप्रीत ने छोड़ी पार्टी

punjabkesari.in Wednesday, Jan 18, 2023 - 07:02 PM (IST)

चंडीगढ़,(हरिश्चंद्र) : पंजाब के पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनप्रीत सिंह बादल भी कांग्रेस को अलविदा कहकर बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। विधानसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले वह 5वे मंत्री हैं। इससे पहले राज कुमार वेरका, बलबीर सिद्धू, गुरप्रीत कांगड़ और सुंदर शाम अरोड़ा यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए थे। विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी व पूर्व विधायक फतेह जंग बाजवा और चुनाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक अमित शाह की पटियाला रैली के दौरान भी अन्य दलों से कई वरिष्ठ नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

 

 

 


मनप्रीत बादल 2017 के चुनाव से ठीक पहले दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात कर कांग्रेस में शामिल हुए थे और खास बात यह है कि जिस दिन राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पंजाब छोड़ कर हिमाचल प्रदेश गए, ठीक उसी दिन मनप्रीत ने भी पार्टी छोड़ दी। पंजाब में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी भाजपा के लिए मनप्रीत बादल का आना बड़ी उपलब्धि है। दरअसल भाजपा का मुख्य फोकस मालवा ही है और यही वजह है कि वह इसी क्षेत्र से अधिकांश सिख नेताओं को अपने साथ जोडऩे में लगी हुई है। मनप्रीत बादल को पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में बठिंडा सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है। हालांकि भाजपा नेता कह रहे हैं कि ऐसा कोई मोल भाव नहीं किया गया है।
 

 

 

कैसे समाएंगी एक म्यान में 3 तलवारें 
कांग्रेस में चाहे खुद को हाशिए पर किए जाने से मनप्रीत बादल अलग थलग पड़ गए हों मगर भाजपा में शामिल होने के बाद भी उनकी राजनीति में चुनौती कम होती नजर नहीं आती। बठिंडा शहरी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ते समय जो उनका अकाली दल से प्रतिद्वंद्वी होता था वही सरूप चंद सिंगला पहले ही भाजपा में शामिल होकर बठिंडा का जिला प्रधान बन चुका है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल बिठाना उनके लिए आसान नहीं होगा। इसी तरह कांग्रेस छोड़ कर कैप्टन अमरेंद्र सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस में शामिल होकर राज नंबरदार भाजपा चुनाव चिन्ह पर 2022 में बठिंडा से चुनाव लड़ चुके हैं। 2022 में ये तीनों नेता मुकाबले में थे और अब तीनों नेता भाजपा में हैं। ऐसे में बठिंडा में एक म्यान में 3 तलवारें कैसे समाएंगी, यह सवाल अभी से चर्चा में है।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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