हाईकोर्ट में उछला चेन स्नैचिंग में फर्जी श्योरिटी का मुद्दा

Wednesday, May 30, 2018 - 10:29 AM (IST)

चंडीगढ़  (बृजेन्द्र): फर्जी श्योरिटी देने का मामला मंगलवार को बढ़ती चेन स्नैङ्क्षचग की घटनाओं को लेकर दायर जनहित याचिका में उछला। मामले की सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ प्रशासन ने हाईकोर्ट में कहा कि कुछ लोग कई आरोपियों के मामलों में श्योरिटी के लिए खड़े होते हैं। एक जैसे दस्तावेजों पर झूठी अंडरटेकिंग देते हैं। 37 केसों में 17 लोग श्योरिटी के लिए खड़े हुए जबकि कुछ 6 तक मामलों में श्योरिटी बने। 

 

हाईकोर्ट ने मामले में केंद्र को निर्देश दिए कि स्नैचिंग के अपराध में सख्त प्रावधान बनाने पर निर्णय ले। वहीं श्योरिटी को भी पार्टी बनाया गया है। राम दरबार की एक रेखा रानी का जिक्र करते हुए यू.टी. के काऊंसिल ने कहा कि उसने दो अलग-अलग पतों पर 6 केसों में श्योरिटी दी। 

 

एफिडेविट में उसने कहा कि उसने किसी और केस में श्योरिटी नहीं दी। यू.टी. ने कहा कि ऐसे ही झूठे एफिडेविट अन्य लोगों द्वारा भी दिए गए थे। वहीं एक सुनील कुमार नामक व्यक्ति द्वारा 5 के सों में श्योरिटी देने की जानकारी भी दी गई। 

 

यू.टी. ने बताया कि डाटा बेस की उपलब्ध्ता के चलते यह समस्या पैदा हुई। यदि एक कोर्ट में व्यक्ति श्योरिटी के रूप में खड़ा होता है तो साथ ही कोर्ट को इसकी जानकारी नहीं होती। श्योरिटी वाले कई बार अपने पते तक गलत देते हैं। चंडीगढ़ में स्नैचिंग की सजा केवल 2 वर्ष है। अन्य राज्यों में यह 5 से 10 वर्ष तक है। 

 

सरकारी वकील ने कहा कि श्योरिटी के दौरान कई बार गाड़ी की आर.सी. जमा करवाई जाती है जिन्हें बिना स्टैंप के वापस कर दी जाती हैं। सिर्फ फोटोकॉपी रखी जाती है। झूठी श्योरिटी देने वालों पर केस चलना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि संबंधित दस्तावेजों पर एंट्री कर जानी चाहिए। 

 

अपराधी को केस की किसी भी स्तर पर जमानत देने के मामले में कोर्ट के पास कई प्रकार की शर्तें लगाने का अधिकार है। इसमें पासपोर्ट सरैंडर करने या आरोपी द्वारा थाने में नियमित आधार पर पेश हो जानकारी देना भी शमिल है।वहीं, कोर्ट एक से अधिक श्योरिटी भी मांग सकता है। यदि आरोपी ट्रायल के दौरान पेश नहीं होता तो श्योरिटी के रूप में संपत्ति या रकम भी जब्त की जा सकती है। 

Punjab Kesari

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