गीता मात्र एक पुस्तक नहीं, जीवन जीने का मार्ग है : बंडारू दत्तात्रेय

punjabkesari.in Tuesday, Aug 03, 2021 - 08:28 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): श्रीमद्भागवत गीता ने कोरोना काल में भी मनुष्य के जीवन में आत्मविश्वास व मनोबल बढ़ाकर सिद्ध कर दिया है कि गीता मात्र एक पुस्तक नहीं जीवन जीने का मार्ग है। यह विचार हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को यहां राजभवन में ‘जियो गीता’ व गुरुग्राम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च जर्नल के प्रथम अंक व कॉफी टेबल बुक के लोकार्पण कार्यक्रम में व्यक्त किए।

 

इस कार्यक्रम में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, मुख्यमंत्री हरियाणा के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, हरेरा के चेयरमैन डा. के.के. खंडेलवाल, गृह सचिव राजीव अरोड़ा, सचिव राज्यपाल अतुल द्विवेदी, हरियाणा व्यापारी बार्ड के चेयरमैन राम निवास गर्ग, उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन सरन, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति सोमनाथ सचदेवा, गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मारकंडे आहूजा, सीताराम, प्रदीप मित्तल, राज्यपाल के आई.टी. सलाहकार बी.ए. भानुशंकर सहित जियो गीता से जुड़े पदाधिकारी व गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा जियो गीता व गुरुग्राम विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च जर्नल के प्रथम अंक व कॉफी टेबल बुक का लोकार्पण किया गया है।

 


‘श्रीमद्भागवत गीता ने हर संकट की घड़ी में मानव का साथ दिया है’ 
राज्यपाल ने कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि श्रीमद्भागवत गीता ने हर संकट की घड़ी में मानव का साथ दिया है। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोना काल के दौरान उन्होंने प्रतिदिन गीता का पठन किया, जिससे उनका मनोबल बढ़ा। उन्होंने अपने संस्मरण याद करते हुए कहा कि 1976 में जब वह जेल में थे तब भी गीता उनके विश्वास बरकरार रखने के लिए कारगर सिद्ध हुई। हमें गीता ज्ञान से प्रेरित होकर स्वयं की, समाज की और अपने राष्ट्र की उन्नति के लिए अपनी ‘कर्म संस्कृति’ को अपनाना होगा। तभी हम भू-मंडलीकरण के इस दौर में विकसित देशों की प्रतिस्पर्धा में टिक सकेंगे।


दत्तात्रेय ने कहा कि जिस देश ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेज कर नहीं रखा उनकी सभ्यताएं ही नष्ट हो गई। अत: हमें अपनी भारतीय सभ्यता और संस्कृति की अमूल्य धरोहरों को हर स्थिति में बनाए रखना है। कुरुक्षेत्र तीर्थ भी इन महान धरोहरों का अभिन्न अंग है, जिसके वैभव को बनाए रखने के लिए हम कटिबद्ध है।
कुरुक्षेत्र भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा पवित्र स्थल होने के साथ-साथ इस स्थली को आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में और अधिक विकसित किया जाएगा। इससे श्रीमद्भागवत गीता का संदेश भी जन-जन तक पहुंचेगा।


‘गीता की पवित्र पुस्तक भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है : ढेसी’ 
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी ने कहा कि गीता की पवित्र पुस्तक भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। विश्वभर में गीता का प्रचार-प्रसार करने के लिए सरकार सदैव हरसंभव प्रयास जारी रखेगी। इस कार्यक्रम में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने राज्यपाल हरियाणा दत्तात्रेय को गीता भेंट की। इसी प्रकार से जियो गीता की तरफ से सभी अधिकारियों और गण्यमान्य व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मारकंडे आहूजा ने किया और ‘जियो गीता’ के माध्यम से गीता के प्रचार-प्रसार से कार्यों का उल्लेख किया। कार्यक्रम को सीताराम ने भी संबोधित किया और प्रदीप मित्तल ने राज्यपाल दत्तात्रेय व सभी का धन्यवाद किया।


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Content Writer

Vikram Thakur

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