अब मोबाइल पर देख सकेंगे हवा में मौजूद हर पॉल्यूटैंट की जानकारी

Wednesday, May 22, 2019 - 11:59 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : पिछले कुछ वर्षों से शहर की हवा में अचानक से बदलाव दर्ज किया जा रहा है। इस समय जितने सोर्स चंडीगढ़ प्रशासन के पास मौजूद हैं उससे केवल पर्टिकुलेट मैटर (पी.एम.)-10, पी.एम.-2.5, एन.ओ.एक्स. और एस.ओ.-2 की ही पहचान की जा सकती है। इनके अतिरिक्त कौन से हानिकारक तत्व हैं जो वायु में घुलकर हमारे शरीर में प्रवेश कर रहे हैं? 

अभी तक इसकी जानकारी चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सी.पी.सी.सी.) के पास भी नहीं है। लेकिन आने वाले 10 दिन के भीतर अब यह पूरी डिटेल सी.पी.सी.सी. के साथ-साथ सेंट्रोल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) के पास भी ऑनलाइन पहुंच जाएगी। 

सी.पी.सी.सी. ने इस साल फरवरी में जिस कंप्यूटराइज्ड ऑटोमेटिड एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सिस्टम (सी.ए.ए.क्यू.एम.एस.) को खरीदने की प्लानिंग की थी अब वह मशीन चंडीगढ़ पहुंच चुकी है। फ्रांस से खरीदी गई इस मशीन की खास बात यह होगी कि इससे लगभग 13 पैरामीटर्स की पहचान की जा सकेगी। 

अभी तक जिन चार पॉल्यूटैंट्स का डाटा एकत्रित किया जाता है उसके लिए भी मैन्यूअल सिस्टम अपनाया जा रहा है लेकिन लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपए की इस मशीन से सारा डाटा ऑनलाइन मिलेगा। इसका फायदा यह होगा कि मिनिस्ट्री और चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों के अतिरिक्त शहर के लोग भी एयर पॉल्यूशन से जुड़ी सारी जानकारी अपने मोबाइल पर आसानी से हासिल कर सकेंगे।

डंपिंग ग्राऊंड के लिए पी.यू. में लगाई मशीन :
सी.पी.सी.सी. ने इस मशीन को सैक्टर-25 स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी के सैंट्रल ऑफ पब्लिक हैल्थ की पार्किंग एरिया में इंस्टॉल करने का फैसला लिया है। यह मशीन यहां रखी जा चुकी है। 

हालांकि नियम के तहत इस मशीन को जमीन से काफी ऊंचाई पर रखा जाना चाहिए इसलिए मशीन के प्लेटफॉर्म को बनाने का काम इस समय चल रहा है। इससे पहले यह मशीन सैक्टर-26 स्थित नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नीकल टीचर्स ट्रैनिंग एंड रिसर्च (एन.आई. टी.टी.आर.) में लगाने की प्लानिंग थी लेकिन डंपिंग ग्राऊंड से निकलने वाली जहरीली गैसों का डाटा जुटाने के लिए इस मशीन को सैक्टर-25 में लगाने का फैसला लिया गया।

अभी तक पंचकूला के पास ही मशीन :
ट्राईसिटी में अभी तक पंचकूला में यह एडवांस सिस्टम काम कर रहा है। सी.पी.सी.बी. के पोर्टल में पंचकूला की एयर क्वालिटी की पूरी जानकारी आसानी से हासिल की जा सकती है। अधिकारियों के अनुसार इसके बाद ऐसी ही एक मशीन और खरीदी जाएगी। 

दो जगह लगेंगे डिसप्ले बोर्ड :
ऑफिसर्स ने फैसला लिया है कि इस मशीन से निकलने वाले डाटा को लोग देख पाएं, इसके लिए शहर में दो जगह डिसप्ले बोर्ड लगाए जाएंगे। पहला डिसप्ले बोर्ड सैंट्रल ऑफ पब्लिक हैल्थ की पार्किंग में ही लगाया जाएगा। दूसरा बोर्ड सैक्टर-19 स्थित पर्यावरण भवन के बाहर लगेगा। इस बोर्ड में हर पल का डाटा आसानी से देखा जा सकेगा। सूत्रों के अनुसार सी.पी.सी.बी. की ओर से मशीन के लिए मेजर फंडिंग की गई है।

इन पैरामीटर्स की होगी पहचान :
पी.एम.-10, पी.एम.-2.5, एन.ओ., एन.ओ.-2, एन.ओ.एक्स., एस.ओ.-2, सी.ओ., निकल, लिड, आर्सेनिक, ओजोन, बैंजिन, एन.एच.-3

Priyanka rana

Advertising