अब भ्रूण से पांच साल बाद जन्म लेगा शिशु

Monday, Oct 09, 2017 - 10:38 AM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : अब भ्रूण से नौ महीने बाद नहीं बल्कि 5 साल बाद शिशु जन्म लेगा। यह संभव हुआ है एम्ब्रॉय फ्रिजिंग से अब तक ट्राईसिटी में एंब्रोए फ्रीजिंग के 12 केस सामने आए हैं उनमें से दो चंडीगढ़ के जबकि बाकी मोहाली और पंचकूला से संबंधित हैं। एंब्रोय फ्रीजिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें भ्रूण को हॉस्पिटल के लिक्विड नाइट्रोजन टैंक में 5 साल के लिए प्रिजर्व कर रखने की क्षमता रहती है । 

 

मां के एग्ग और पिता के स्पर्म से तैयार भ्रूण का जन्म सिर्फ तब होगा जब कपल्स चाहेगा 7 विट्रोफर्टिलाइजेशन तकनीक से  अब तक सैंकड़ों कपल्स एंब्रोय फ्रिज करवा चुके हैं लेकिन वो फ्रीजिंग कुछ घंटों के लिए की जाती थी एंब्रोय तैयार होने के बाद भावी मां के गर्भ में उसे ट्रांसफर कर दिया जाता था लेकिन अब कपल्स बांझपन की वजह से नहीं बल्कि अपने करियर की वजह से भ्रूण को कुछ सालों के लिए फ्रीज करवाने लगे हैं । 

 

इतना ही नहीं 40 के करीब ऐसी अविवाहित लड़कियां भी सामने आई हैं जिन्होंने अपने एग्ग फ्रीज करवा लिए हैं, जिसका कारण करियर और देरी से शादी करने की प्लानिंग है। एक प्राइवेट हॉस्पिटल की गाइनीकोलॉजिस्ट का कहना है कि एंब्रोय फ्रिजिंग का इस्तेमाल पहले सिर्फ वे कपल्स करवाते थे जिन्हें शादी के सालों बाद भी बच्चे नहीं होते थे पर अब हैल्दी कपल्स एंब्रोय फ्रिज करवा रहे हैं, क्योंकि कुछ साल बाद उनके एग्ग और स्पर्म की क्वालिटी बिगड़ जाएगी।

 

केस स्टडी-1
आई.टी. क्षेत्र में मुकाम हासिल करने के बाद देंगे बच्चे को जन्म
एंब्रोय फ्रीज करवाने वाला कपल आई.टी. कंपनी में कार्यरत है। दोनों ने हाल ही में शादी की है और दोनों की उम्र 28 साल के आसपास है। दोनों अपने करियर को एक मुकाम तक पहुंचाना चाहते हैं इसलिए अभी बच्चे को जन्म नहीं देना चाहते। डाक्टर ने बताया कि कपल ने अपने एंब्रोय को तैयार करवाकर हॉस्पिटल में फ्रीज करवा दिया है। 

 

5 साल बाद एंब्रोय को महिला के गर्भ में स्थापित कर दिया जाएगा और उसके बाद बच्चे का जन्म हो सकेगा। एंब्रोय को उसी तरह से फ्रीज किया गया है जिस तरह से एग्ग और स्पर्म फ्रीज होते रहे हैं। कपल यह जानता था कि 5 साल बाद दोनों जब बच्चे को जन्म देना चाहेंगे तब उनकी उम्र बढ़ चुकी होगी और ऐसे में बच्चे के जैनेटिक डिफैक्ट की चपेट में आने का रिस्क रहेगा। 

 

केस स्टडी-2 
विदेश से लौट कर एंब्रोय को कराएंगे गर्भ में विकसित :
एंब्रोए फ्रिज करवाने वाला दूसरा कपल भी नौकरी की वजह से पांच साल बाद बच्चे को जन्म देना चाहता है। पति को नौकरी के लिए विदेश जाना था। पति नहीं चाहता था कि उसके विदेश में जाने के बाद बच्चे की जिम्मेदारी अकेली पत्नी पे आए इसलिए पति व पत्नी ने अपने एंब्रोय को तब तक के लिए फ्रीज करवा दिया है जब तक पति विदेश से लौट कप वापस नहीं आ जाता।

 

केस स्टडी-3 
सबसे कम उम्र की 17 वर्षीय लड़की ने करवाए हैं अपने एग्ग फ्रीज :
पंजाब की 17 साल की लड़की के ओवेरियन कैंसर से ग्रस्त होने की वजह से डाक्टर ने उसके 10 एग्गस को फ्रीज करके रख लिया है। लड़की की ओवरी में बड़े आकार की रसौली थी। कैंसरयुक्त रसौली को निकालते हुए लड़की की दोनों ओवरी क्षतिग्रस्त होने का खतरा था। ऐसे में लड़की भावीजीवन में किसी बच्चे को जन्म नहीं दे सकती थी। डाक्टर्स ने लड़की की फर्टिलिटी को बचाने के लिए 10 साल के लिए उसके एगस को विट्रिफिकेशन टैक्नीक से फ्रीज कर लिया है जिसे शादी के बाद पति के स्पम्र्स से मिलकर उसके गर्भ में ट्रांसफर कर दिया जाएगा और नौ माह के बाद बच्चे का जन्म प्राकृतिक तरीके से हो जाएगा।

 

ऐसे किया है एंब्रोए को फ्रीज :
गाइनीकोलॉजिस्ट डॉ.पूजा मेहता ने बताया कि ऐसे कपल्स सामने आए हैं जो बच्चे का जन्म 5 साल के बाद चाहते हैं। चूंकि शादी के समय उनकी उम्र 28 से 30 के आसपास है इसलिए वह चाहते हैं कि उनका भ्रूण 5 साल पहले ही विकसित कर दिया जाए ताकि 5 साल बाद जिस बच्चे का जन्म हो वह 28 साल के पेरैंट्स के एग्ग और स्पर्म की हैल्थ के अनुरुप हैल्दी हो। कपल्स को 12 दिन तक इंजैक्शन देने के बाद एग और स्पर्म निकाले जाते हैं। 

 

एग और स्पर्म की तरह एंब्रोय से भी पानी को दूर रखना जरूरी होता है। एग और स्पर्म का मिलान करने के बाद एंब्रोय तैयार किया जाता है। एंब्रोय को फ्रीज करने से पहले पानी को बाहर निकाला जाता है ताकि एंब्रोय फ्रीज होने के बाद पानी बर्फ का आकार न ले सके क्योंकि उसकी वजह से एंब्रोय के सैल खत्म हो सकते हैं। इसी वजह से एंब्रोय सैल के आसपास क्रायोप्रोटेक्टैंट का इस्तेमाल किया जाता है, विट्रिफिकेशन टैक्नीक के अंतर्गत एंब्रोय को मीडिया में रखा जाता है। रूम टैम्परेचर से निकालने के बाद उसे लिक्विड नाइट्रोजन टैंक में-200 डिग्री सैंटीग्रेड पर रख दिया जाता है।

 

गुड एग्गस नहीं बनते 35 के बाद :
डॉ. पूजा मेहता ने कहा कि 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं में गुड एग्गस बनना कम हो जाते हैं। सबसे अच्छे एग 25 से लेकर 30 साल की उम्र में बनते हैं। 30 के बाद महिलाओं में एग की क्वालिटी प्रभावित होने लगती है। 40 की उम्र के बाद एग बनते हैं लेकिन वह फर्टिलाइजेशन के लिए कमजोर हो जाते हैं। ऐसे एग्गस में जैनेटिक डिफैक्ट का खतरा रहता है। 

 

अन्य गाइनीकोलॉजिस्ट डॉ.उमेश ने कहा कि उनके सैंटर में एंब्रोय फ्रीज तो किए जाते हैं परंतु सिर्फ आईवीएफ टेक्निक के लिए। ऐसे कपल्स जो कुछ साल बाद एंब्रोय को यूज करते हैं ऐसे एंब्रोए अभी उन्होंने फ्रिज नहीं किए हैं। गाइनीकोलॉजिस्ट डॉ. अलका सहगल ने कहा कि आजकल लड़कियां करियर और पढ़ाई के चक्कर में देरी से शादी करवाने लगी है इस वजह से बेशक प्राइवेट हॉस्पिटल्स में एक नया ट्रेंड उभर कर सामने आ रहा है परंतु गवर्नमैंट हॉस्पिटल में ऐसे एंब्रोय नहीं फ्रीज किए जाते हैं जिनका इस्तेमाल चार या पांच साल के बाद किया जाना हो।

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