मोटिवेशनल स्पीकर डॉ विवेक बिंद्रा ने बताए प्रदूषण कम करने के शानदार तरीके

punjabkesari.in Tuesday, Nov 14, 2023 - 08:25 PM (IST)

प्रदूषण आज भारत के लिए सबसे गंभीर समस्या बन चुका है और भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा बन रहा है। प्रदूषण के कारण आज हर आम व्यक्ति परेशान है,लेकिन ये कोई नहीं मानना चाहेगा कि इस समस्या को खड़ा करने में वो खुद भी एक भागीदार हंै। देश की राजधानी दिल्ली और उसके आस पास के क्षेत्र की बात करें तो ये पूरे भारत की सबसे ज्यादा पॉल्यूशन वाली जगह बन चुकी है। दुनिया के टॉप 5 प्रदूषित शहरों में शामिल रहना आज के समय में दिल्ली के लिए आम बात है। दिल्ली में प्रदूषण के कारण मॉर्निंग विजिबिलिटी डिस्टैंस सिर्फ 6 से 7 मीटर तक रह गया है, हाल ही में आनंद विहार की ‘एयर क्वालिटी इंडैक्स’ की एक रिपोर्ट आई जिसमें प्रदूषण का लैवल 999 तक पहुंच गया था। जबकि यह लैवल सिर्फ 50 के नीचे रहना ही हैल्दी माना जाता है। 

 

 

दिल्ली के हालात इतने खराब हंै कि सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए आर्टिफिशियल बारिश करवाने की तैयारी कर रही है जिसमें करोड़ों का खर्च होने वाला है। लेकिन अगर हम अपनी लाइफस्टाइल में थोड़े-थोड़े कुछ बदलाव करें तो उससे ना सिर्फ प्रदूषण कम होगा बल्कि फाइनैंशियल तौर पर भी लोगों का फायदा होगा।

 

 

 

कागज का इस्तेमाल करना बहुत आम बात है,लेकिन कागज को बनाने के लिए जो कीमत आज हम चुका रहे हैं वो बहुत ज्यादा है। क्योंकि कागज बनाने के लिए पेड़ों को बहुत बड़ी मात्रा में काटा जाता है हर साल करीब 7 से 8 बिलियन पेड़ सिर्फ कागज बनाने के लिए काट दिए जाते हैं। हम सब जानते हैं कि पेड़ हमारे पर्यावरण को शुद्ध रखने का काम करते हैं ये जितने कम होंगे हालात उतने ही बेकाबू हो जाएंगे। इसलिए आज के डिजीटल दौर को अपनाकर हम कागज के खर्च को कम कर सकते हैं और पेड़ों को भी बचा सकते हैं।

 

 

सिर्फ पेड़ों को काटना ही नहीं बल्कि खाना को बर्बाद करना भी प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण है। जब खाना बर्बाद होने के बाद डंपिंग यार्ड में जाता है तो उससे वहां मिथेन गैस बनती है जो कि कार्बन डाई आक्साइड से भी 25 गुना ज्यादा खतरनाक होती है। एक सर्वे के हिसाब से घरों के अंदर एक महीने में 20 प्रतिशत और पार्टीज में 30 प्रतिशत खाना बर्बाद हो जाता है। लेकिन अगर खाने की इस बर्बादी को रोक दिया जाए तो प्रदूषण कम होगा और पैसे की भी बचत होगी।

 

 

 इतना ही नहीं अगर आप बिजली को भी बर्बाद करते हैं तो भी प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं। बिजली बनाने के लिए हमारे यहां कोयला और फॉसिल फ्यूल को जलाना पड़ता है जो की प्रदूषण को बढ़ाने में 25 प्रतिशत जिम्मेदार है। इसलिए बिजली बचाकर आप प्रदूषण को भी कम कर सकते हैं। इसके लिए एल.ई.डी. बल्ब और फाइव स्टार रेटिंग वाले इलैक्ट्रिक प्रोडक्ट्स का आप इस्तेमाल कर सकते हैं, जब जरूरत ना हो तब सारे सारे स्विच को ऑफ रखिए। अगर आपका बिजली बिल पहले से कम आने लगे तो समझिए पैसे बचाने के साथ साथ आप पर्यावरण भी बचा रहे हैं।

 

 

 

गाडिय़ों का बढ़ता इस्तेमाल प्रदूषण को भी बढ़ा रहा है, इसलिए बहुत जरूरी है कि गाडिय़ों के इस्तेमाल को कम किया जाए। जितना हो सके पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। ऑफिस जाने के लिए दोस्तों के साथ कार पूल करना शुरू करें, इससे आपका पैट्रोल का खर्चा भी बचेगा और प्रदूषण भी कम होगा। इसके अलावा हम जानते ही हैं कि पेड़ लगाने से ही आने वाले समय में पर्यावरण को बचाया जा सकता है इसलिए हर व्यक्ति को व्यक्तिगत तौर पर और हर संस्था को एक कैंपेन के तौर पर पेड़ जरूर लगाने चाहिए। प्रदूषण कम करने के लिए हर व्यक्ति अगर पानी, खाना, बिजली और कागज की बर्बादी को अगर रोक लेगा तो पैसे की छोटी बचत के साथ वो पर्यावरण बचाने की बड़ी मुहिम में अपनेआप ही शामिल हो जाएगा। 


 


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News Editor

Deepender Thakur

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