फायरिंग मामले में डिप्टी मेयर दुबे व उनका बेटा बरी, भाजपा नेता की शिकायत पर हुआ था केस दर्ज

Thursday, Dec 14, 2017 - 11:58 PM (IST)

चंडीगढ़, (संदीप कुमार): किसी की जान को खतरे में डालते हुए कृत्य करने व आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज केस में डिप्टी मेयर अनिल दुबे और उनके बेटे शानू दुबे को जिला अदालत ने साक्ष्यों के अभाव के चलते बरी कर दिया है। बचाव पक्ष के वकील ए.एस. गुजराल ने अदालत में कहा कि मुकेश राय राजनीतिक और पुरानी रंजिश के चलते उन पर हमला करने उनके घर आया था।

यह देख अनिल दुबे और उसे बेटे ने अपने सैल्फ डिफैंस में हवा में फायर किया था। इस आधार पर अदालत ने दोनों पिता-पुत्र को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।

भाजपा नेता और ट्रांसपोर्टर मुकेश राय ने दर्ज करवाया था केस

मनीमाजरा थाना पुलिस ने 17 मई, 2013 को भाजपा नेता और ट्रांसपोर्टर मुकेश राय की शिकायत के आधार पर भाजपा नेता अनिल दुबे और उसके बेटे शानू दुबे के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 336 और आर्म्स एक्ट 27,54 और 59 के तहत मामला दर्ज किया था।

 अनिल दुबे उस समय मौलीजागरां से पार्षद थे। पुलिस को दी शिकायत में राय ने कहा था कि अनिल दुबे ने उससे कई बार दुव्र्यवहार किया। इस पर उन्होंने पुलिस को मई में एक शिकायत दी। उनकी शिकायत पर पुलिस ने मामले को लेकर डी.डी.आर. दर्ज की थी। इसके बाद दुबे ने उन्हें फोन कर धमकाया। उन्होंने उसे कहा कि उन्होंने उसके खिलाफ शिकायत कैसे दी, जबकि वह पार्षद हैं। आरोप के अनुसार वारदात की शाम करीबन 6.30 बजे अनिल दुबे का बेटा शानू दुबे अपने अन्य साथियों के साथ मोटरसाइकिल पर उनके घर के समीप से थप्पड़ मारने की इशारा करता हुआ चला गया।

फायर कर दिए थे

शानू की इस हरकत के बारे में शिकायत करने के लिए राय अपने जानकारों को साथ लेकर अनिल दुबे से इसकी शिकायत करने के लिए उसके घर पहुंचा था। वहां दुबे ने उन पर दोनाली और पिस्टल से फायर कर दिए। गोलियां चलाए जाने के बाद राय उनके घर से जान बचाता हुआ भागा और बाद में पुलिस को इसकी सूचना देने थाने पहुंचा, लेकिन वहां अनिल दुबे बेटे शानू के साथ पहले से मौजूद था। इस पर उसने पुलिस को बताया कि यही वो शक्स है जिन्होंने उस पर फायर किए हैं। पुलिस ने राय की शिकायत पर अनिल दुबे और शानू दुबे के खिलाफ संबंधित मामला दर्ज किया था।

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