115 स्कूलों में महज 10 लाइब्रेरियन, हर स्कूल में आता है लाइब्रेरी फंड पर कहां होता है खर्च नहीं है जानकारी

Monday, Nov 27, 2017 - 02:28 AM (IST)

चंडीगढ़, (रश्मि रोहिला): शहर में 115 सरकारी स्कूलों में महज 10 में ही लाइब्रेरियन हैं। यह जानकारी शिक्षा विभाग की वैबसाइट पर उपलब्ध है। स्कूलों में लाइब्रेरी तो है लेकिन लाईब्रेरियन नहीं। ऐसे में स्टूडैंट्स को लाईब्रेरी का लाभ नहीं मिल पा रहा। लाइब्रेरियन के अभाव में स्कूलों की लाइब्रेरी में रखी किताबें धूल फांक रही हैं। कई स्कूलों में किताबें एक कमरे में डंप करके रखी गई हैं। यही नहीं, स्कूलों को हर वर्ष लाइब्रेरी के लिए जो बजट जारी हो रहा है, उसका भी सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।

हर स्कूल में आता है फंड

यू.टी. कैडर यूनियन के प्रधान स्वर्ण सिंह कंबोज के मुताबिक शिक्षा विभाग के पास लाइब्रेरियन तो नहीं लेकिन हर स्कूल में लाइब्रेरी के लिए फंड जरूर आता है, जिससे स्टूडैंट्स की रूचि व  जरूरतों के अनुसार नई किताबें मंगवाई जाती हैं। अब सवाल उठता है कि जब स्कूलों में लाइब्रेरियन ही नहीं तो जो फंड आता है उसका इस्तेमाल कहां किया जाता है।

स्वर्ण सिंह कंबोज का कहना है कि शिक्षा विभाग को सबसे पहले लाइब्रेरी को सुदृढ़ करना चाहिए। सभी स्कूलों में लाइब्रेरियन व सहायक के पद जल्द से जल्द भरने चाहिए। स्कूलों में छात्रों का एक विषय लाइब्रेरी का होना जरूरी है। हालांकि स्कूलों में इसके उलट काम हो रहा है। स्कूलों में लाइब्रेरी की कक्षाएं खत्म की जा रही हैं, जो चिंता का विषय है।

10 में से भी 3 होने वाले हैं रिटायर

शिक्षा विभाग ने बैवसाइट पर जो लाइब्रेरियंस की लिस्ट डाली है उसमें 115 स्कूलों में से सिर्फ 10 स्कूलों में ही लाइब्रेरियन होने की बात कही गई है। इन 10 में से 3 स्कूलों में लाइब्रेरीयन के पद खाली होने वाले हैं। गवर्नमैंट मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल करसान से लाइब्रेरियन को रिटायर हुए 3 माह होने को हैं जबकि दो अन्य स्कूलों के लाइब्रेरियन इस साल रिटायर हो जाएगें।

Advertising