बुजुर्ग मां को बेसहारा छोडऩे वाले पुत्र को ट्रिब्यूनल का अहम फैसला

Friday, Dec 08, 2017 - 11:33 AM (IST)

मोहाली(कुलदीप) : पुलिस स्टेशन फेज-1 में मैंटीनैंस एंड वैल्फेयर ऑफ पेरैंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत दर्ज एक केस में मैंटीनैंस ट्रिब्यूनल ने अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले में अपनी बुजुर्ग माता को बेसहारा छोडऩे वाले पुत्र के माहवार वेतन से प्रत्येक महीने अब दस हजार रुपए काट कर बुजुर्ग माता को दिए जाएंगे। ट्रिब्यूनल ने बुजुर्ग महिला के पुत्र के विभाग को भी लिखित में भेज दिया है ताकि उसके वेतन से प्रत्येक माह दस हजार रुपए काटे जा सकें। 

 

प्राप्त जानकारी मुताबिक मोहाली निवासी बलजीत नाम की बुजुर्ग महिला के दो पुत्र हैं जिनमें एक पुत्र विदेश में रहता है और दूसरा पुत्र पंजाब सरकार के किसी सरकारी विभाग में एस.डी.ओ. के पद पर तैनात है। महिला पिछले लंबे समय से गुरुद्वारा साहिबान में रह कर समय बिता रही थी ,लेकिन दोनों पुत्र उसकी देखभाल नहीं करते थे। सितंबर महीने में बीमार महिला को जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के वॉलंटियरों ने सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया था। 

 

पुलिस स्टेशन फेज-1 में मैंटीनैंस एंड वैल्फेयर ऑफ पेरैंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत महिला के पुत्रों खिलाफ केस दर्ज किया गया था। जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी ने बुजुर्ग महिला का यह केस लड़ा था जो कि अपने आप में बहुत ही अहम केस था। जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी की सचिव मोनिका लांबा ने बताया कि ट्रिब्यूनल ने यह भी आदेश दिए है कि बुजुर्ग के बेटे संपत्ति को भी नहीं बेच सकेंगे।
 

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