आर्थिक विकास में बीएफएसआई सेक्टर का महत्व

punjabkesari.in Thursday, Jul 20, 2023 - 08:49 PM (IST)

वैश्विक माहौल में उथल-पुथल के बीच वित्त वर्ष 22-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने काफी सहजता से लचकता और समय के अनुसार ढलने की क्षमता को प्रदर्शित किया। बढ़ती निवेश गतिविधि, बैंकों की मजबूत बैलेंस शीट, सेवा क्षेत्र में फिर से प्रतिस्पर्धात्मकता और डिजिटल क्रांति के कारण अर्थव्यवस्था की विकास गति में लगातार वृद्धि देखी गई।

सुमित अग्रवाल, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट,इक्विटी, बंधन एएमसी ने कहा कि ‘‘भारत की आर्थिक वृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वित्तीय सेवा क्षेत्र द्वारा संचालित है। यह क्षेत्र पूंजी के कुशल आवंटन और मोबिलाइजेशन (संग्रहण) के लिए प्रेरक के रूप में कार्य करता है, जो अर्थव्यवस्था की समग्र वित्तीय स्थिरता में योगदान देता है। बीते कुछ वर्षों में, वित्तीय सेवा क्षेत्र का काफी तेजी से विस्तार हुआ है क्योंकि इसमें न केवल पारंपरिक बैंकिंग शामिल है बल्कि पूंजी बाजार, बीमा, फिनटेक, एनबीएफसी और बैंकों में विविधता है। सब-सेग्मेंट्स की एक पूरी मेजबानी के साथ, यह सेक्टर नए बिजनेसेज और थीम्स को अपनाने में सक्रिय है जो इसकी विकास संभावनाओं को और बढ़ा सकते हैं।

सुमित अग्रवाल ने कहा कि ‘‘आमतौर पर, बैंक अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिए क्रेडिट सपोर्ट का प्राइमरी सोर्स रहे हैं। पिछले 20 वर्षों में भारत की क्रेडिट ग्रोथ 13 प्रतिशत वार्षिक रिटर्न से बढ़ी है; हालांकि, समकक्ष अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में क्रेडिट की पैठ अपेक्षाकृत कम है। इस क्षेत्र में बहु-वर्षीय विकास की संभावना आशाजनक दिख रही है क्योंकि पर्सनल लोन्स की मांग में तेजी आई है, बिजनेसेज की वर्किंग कैपिटल की आवश्यकताएं अपेक्षाकृत अधिक हैं, लेनदेन के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग भी बढ़ रहा है और एनबीएफसी तेज गति से बढ़ रहे हैं। जबकि क्रेडिट की मांग फिर से बढ़ने लगी है, वित्तीय संस्थान भी ग्रामीण क्षेत्रों में अपने कवरेज का विस्तार कर रहे हैं, जिससे बैंकिंग सेवाओं और निवेश के अवसरों तक पहुंच आसान हो रही है।’’

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सुमित अग्रवाल का कहना है कि ‘‘महामारी के बीच एक सकारात्मक प्रभाव ये देखने में आया है कि सभी क्षेत्रों में डिजिटलाइजेशन काफी तेजी से हुआ है। फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर पूरी वैल्यू चेन में ग्राहक अनुभवों को नया आकार देने के लिए तकनीकी प्रगति का लाभ उठाने और इनोवेशन को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है। उदाहरण के लिए, फिनटेक कंपनियों के तेजी से उभार ने एसेट-समर्थित लोन्स के डिजिटलाइजेशन, तेज क्रॉस-बार्डर भुगतान सॉल्यूशंस और एमएसएमई-केंद्रित नियो बैंक के क्रमिक विस्तार की सुविधा प्रदान की है। डिजिटलाइजेशन  का बीमा क्षेत्र पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है, जिससे दावों के निपटान, बेहतर संचालन और मशीन लर्निंग तकनीकों के उपयोग के लिए बेहतर डिजिटल प्लेटफॉर्म की सुविधा मिली है।’’

सुमित अग्रवाल का कहना है कि बीमा कंपनियां व्यक्तिगत ग्राहक अनुभव प्रदान करने और सेल्स बढ़ाने के हर चरण में बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपना रही हैं। पिछले दो वर्षों में, वित्तीय सुरक्षा की आवश्यकता को प्राथमिकता दी गई है, जिससे जीवन बीमा के बारे में जागरूकता बढ़ी है। जबकि बीमा प्रीमियम की मात्रा में वृद्धि हुई है, भारत की बीमा एक्सेस यानि बीमा करवाने वाले लोगों की संख्या कुल आबादी का सिर्फ 4 प्रतिशत पर ही बनी हुई है, जो वैश्विक औसत 11 प्रतिशत से काफी कम है। यह इस बीमा सेग्मेंट में ग्रोथ की महत्वपूर्ण संभावनाओं को दर्शाता है, जो वित्तीय सेवाओं के दायरे के विस्तार के लिए दरवाजे खोल सकता है। फाइनेंशियल सर्विसेज सेग्मेंट का एक अन्य प्रमुख कंपोनेंट कैपिटल मार्केट है, जिसमें एसेट मैनेजमेंट कंपनियों, डिपॉजिटरी, क्लियरिंग हाउस, एक्सचेंज और डेटा प्लेटफॉर्म, वित्तीय उत्पादों के वितरक, रेटिंग एजेंसियां और स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों का अच्छा खासा मिक्स शामिल है।

उन्होंने कहा कि ‘‘पिछले कुछ वर्षों में डीमैट खातों में तेजी से वृद्धि के साथ पूंजी बाजार निवेश में तेजी आई है, जिसने अर्थव्यवस्था की ग्रोथ स्टोरी में और योगदान दिया है। वित्तीय बाजारों में अराजकता के बावजूद, डीमैट खातों की संख्या अगस्त 2022 में पहली बार 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई, जो सिक्योरिटीज मार्केट में निवेशकों की बढ़ती रुचि को दर्शाता है। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड सेक्टर में निवेश की प्रवृत्ति को देखते हुए, पिछले सात वर्षों में सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) योगदान 4.4 गुना बढ़ गया है। यह देखा जा सकता है कि अधिकांश निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एसआईपी मार्ग की आसानी से वकालत करते हैं, क्योंकि यह नियमित, अनुशासित निवेश को सक्षम बनाता है और उनके लाभ के लिए रुपये की औसत लागत का लाभ उठाता है।’’

आखिर में सुमित अग्रवाल का कहना है कि ‘‘निवेश के अवसरों का एक व्यापक स्पेक्ट्रम, लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन के लिए एक ठोस ट्रैक रिकॉर्ड, और एक अपेक्षाकृत आकर्षक एंट्री प्वाइंट फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर  को निवेशकों के लिए एक आकर्षक निवेश थीम बनाता है। फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड मार्ग का उपयोग किया जा सकता है क्योंकि यह प्रोफेशनल मैनेजमेंट, विविधीकरण, तरलता और सुविधा की सुविधा देता है। फंड मैनेजर वित्तीय सेवा क्षेत्र में अवसरों की पहचान कर सकते हैं और लंबी अवधि में अपेक्षाकृत हाई रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न उत्पन्न करने के लिए समझदारी से एसेट एलोकेशन का निर्णय ले सकते हैं। इसके अलावा, वे जोखिम प्रबंधन रणनीतियों और तय योजना के अनुसार इन्वेस्टमेंट फ्रेमवर्क का पालन करते हैं।’’


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News Editor

Deepender Thakur

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