शहर में अवैध रूप से मोबाइल फूड वैन में हो रहा है कारोबार, प्रशासन नींद में
Saturday, Mar 23, 2019 - 02:32 PM (IST)
पंचकूला (आशीष): शहर में इन दिनों अवैध रूप से फूड मोबाइल वैन पर कारोबार चल रहा है। इन पर कोई शिकंजा नहीं कसा जा रहा है। ट्रांसपोर्ट विभाग से बिना परमिशन लिए बड़ी गाडिय़ों का नक्शा बदलकर उसमें खाने-पीने का सामान धड़ल्ले से बेचा जा रहा है।
नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की जमीन पर बनाया व बेचा जा रहा है। वहीं प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। शहर में रोजाना हजारों लोग फूड स्ट्रीट पर खाना खाते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि सबको साफ-सुथरा खाना मुहैया करवाया जाए।
इसके लिए केंद्र सरकार की पहल पर लाइसैंसिंग तथा रजिस्ट्रेशन को लाजिमी किया है। 12 लाख रुपए सालाना से ऊपर टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए लाइसैंस जरूरी है। इसके लिए उनको सालाना 2000-5000 रुपए फीस जमा करनी होगी।
12 लाख रुपए कम टर्नओवर वालों के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है और उनको 100 रुपए प्रति वर्ष फीस अदा करनी होगी। लाइसैंस और रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।
12 लाख रुपए तक का जुर्माना और 7 साल की कैद का प्रावधान
एक्ट में प्रावधान दिया है कि नकली ब्रांड के खाद्य सामग्री बेचने और नकली विज्ञापन के मामले में विभाग अलग-अलग सजा और जुर्माना कर सकता है। असुरक्षित पाए गए खाद्य पदार्थों के लिए 12 लाख रुपए तक का जुर्माना और 7 साल की कैद का प्रावधान है।
अगर मिलावटी खाने से किसी की मृत्यु हो जाती है तो 7 साल की कैद या अधिकतम उम्र कैद की सजा के साथ 12 लाख रुपए हर्जाना देना होगा। इसी के साथ गंभीर रूप से बीमार होने पर कम से कम 3 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है।
अगर किसी के पास लाइसैंस नहीं पाया तो 3 साल कैद और 5 लाख जुर्माना होगा। शहर में सैक्टर-5,6,7,14,15,20,21 की माकीटों में सरेआम गाडिय़ों में खाना लोगों को परोसा जा रहा है। जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।